Read this article in Hindi to learn about the central council of local government.

स्थानीय शासन पर भारत सरकार और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों को सुनिश्चित करने हेतु एक सलाहकारी परिषद के रूप में “CCLG” का गठन 1954 में राष्ट्रपति द्वारा किया गया । 1954 कार्यपालिकीय आदेश से स्थापित । इसकी स्थापन का आधार है अनुच्छेद 263 जो राष्ट्रपति को अंतर्राज्यीय परिषद स्थापित करने का अधिकार देता है ।

गठन:

1954 में राष्ट्रपति ने ”केंद्रीय स्थानीय स्वशासन परिषद” के रूप में इसे गठित किया था और इसका उद्देश्य था, ग्रामीण और शहरी स्थानीय स्वशासन पर केंद्र-राज्यों के मध्य समझ विकसित करने हतु सुझाव देना ।

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लेकिन परिषद के नाम और कार्य क्षेत्र को लेकर दो परिवर्तन बाद में हुए:

1. इसके नाम में ”स्वशासन” हटाकर ”शासन” जोड़ा गया । अर्थात इसका नाम “केंद्रीय स्थानीय शासन परिषद” हो गया ।

2. 1958 से इसका कार्यक्षेत्र मात्र ”शहरी स्थानीय शासन” तक सीमित कर दिया गया ।

प्रकृति (Nature):

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केंद्रीय स्थानीय शासन परिषद (CCLG) एक सलाहकारी निकाय है ।

संरचना (Structure):

इस परिषद में:

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1. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री पदेन अध्यक्ष तथा

2. सभी राज्यों के स्थानीय शासन मंत्री पदेन सदस्य होते हैं ।

3. शहरी विकास मंत्रालय का सचिव इसका पदेन सचिव होता है ।

कार्य (Work):

स्थानीय शासन से संबंधित निम्नलिखित दायित्व परिषद संपन्न करती है:

1. स्थानीय शहरी शासन से संबंधित केंद्र और राज्यों की नीति की समीक्षा, उन पर विचार उपरांत अनुशंसाएं ।

2. केंद्र और राज्यों के लिये स्थानीय शहरी शासन संबंधी विधेयकों का मसौदा तैयार करना ।

3. स्थानीय शहरी शासन पर केंद्र और राज्यों के मध्य साझा कार्यक्रमों, योजनाओं का विकास करना ।

4. स्थानीय शहरी शासन हेतु केंद्रीय वित्तीय सहायता की सिफारिश ।

5. उपर्युक्त सहायतांतर्गत संपादित कार्यों की समीक्षा ।

6. राष्ट्रपति द्वारा स्थानीय शासन से संबंधित सौंपे गये अन्य कार्य ।

7. दिल्ली स्थित ”स्थानीय शासन प्रशिक्षण संस्थान” और राज्यों में स्थित ”स्थानीय शासन प्रशिक्षण संस्थानों” से संपर्क और समन्वय ।