अफगानिस्तान पर निबंध | Essay on Afghanistan in Hindi.

प्राचीन काल में इसे एरियाना एवं मध्यकाल में खुरासान नाम से जाना जाता था । यह रूस व ब्रिटिश भारत के बीच अंतस्थ (Buffer) राज्य था । दक्षिण एशिया में शामिल यह नवीनतम राष्ट्र है । हिन्दुकुश, कोहबाबा व चगाई पहाड़ियाँ यहाँ के मुख्य पर्वतीय क्षेत्र हैं । काबुल, कुर्रम, हेल्मंद, मोरघाव, खश आदि यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं । यह इस्लाम धर्म के सुन्नी सम्प्रदाय का अनुयायी है ।

अफगानिस्तान की सरकारी भाषा ‘पश्तो’ है । यहाँ की प्रमुख जनजातियाँ पख्तून, ताजिक व हजारा है । यहाँ कृषि उपयोग हेतु भूमि काफी कम है । अफीम, फल, सूखा मेवा, मूँगफली, ऊन यहाँ के कृषि उत्पाद हैं । विश्व का 92% अफीम का उत्पादन यहीं होता है ।

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पिछले दो दशकों से राजनीतिक दृष्टि से यह अत्यंत अशांत प्रदेश रहा है । अमेरिकी हमले व तालिबान के सफाए के बाद यहाँ लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित की गई है । अफगानिस्तान की सर्वोच्च सभा को ‘लोया जिरगा’ के नाम से जाना जाता है । भारत ने अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ।

दक्षिण-पश्चिम अफगानिस्तान में ‘जरांज-डेलाराम’ सड़क मार्ग पूर्ण होने के बाद उत्तरी अफगानिस्तान में पुल-ए-खुमरी से काबुल तक प्रेषण लाइन के निर्माण का कार्य भारत की मदद से पूरा किया गया है ।

भारत अफगानिस्तान में खाद्य सुरक्षा हेतु भी सहायता प्रदान कर रहा है । अफगानिस्तान का ‘बामियान’ प्रदेश बुद्ध की विशाल मूर्तियों के लिए विख्यात रहा है । अफगानिस्तान की राजधानी काबुल है ।

कंधार, बामियान, गजनी, हेरात, मजार-ए-शरीफ यहाँ के अन्य महत्वपूर्ण नगर हैं । मानव विकास सूचकांक में अफगानिस्तान सबसे निचले पायदान पर है । अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था ड्रग्स पर आधारित है । यह विश्व का 90% से अधिक अफीम उत्पादित करता है । यहाँ के जाम की मीनार और बामियान घाटी को यूनेस्को के विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है ।

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यहाँ पर चहाबहार बंदरगाह है, जिससे भारत और अफगानिस्तान के बीच वाहनों के नियम के तहत लाया गया है । 26 अक्टूबर, 2015 को दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान के हिन्दूकुश क्षेत्र में भीषण भूकंप आया । 26 जनवरी, 2015 को अफगानिस्तान में रिएक्टर पैमाने पर 7.5 तीव्रता के आए शक्तिशाली भूकम्प ने भारी तबाही मचाई ।

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