भारत के दर्शनीय स्थल पर निबंध । Essay on Places to Visit in India in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. भारत का प्राकृतिका सौन्दर्य ।

3. देश के विभिन्न दर्शनीय स्थल ।

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(अ) उत्तरी क्षेत्र के दर्शनीय स्थल ।

(ब) मध्य भारत के दर्शनीय स्थल ।

(स) दक्षिण क्षेत्र के दर्शनीय स्थल ।

(द) पूर्वी क्षेत्र के दर्शनीय स्थल ।

ADVERTISEMENTS:

(इ) पश्चिमी क्षेत्र के दर्शनीय स्थल ।

4. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

मानव मन हमेशा से ही शान्ति, सन्तुष्टि एवं आनन्द की तलाश में रहता है । जब अपने व्यस्ततम जीवन की दिनचर्या से वह थक जाता है, ऊब जाता है, तो उसको दूर करने के लिए मन की विश्रान्ति एव नीरसता को दूर करने के लिए वह ऐसे स्थान की सैर करना चाहता है, जहां इसके आसपास प्रकृति हो, सौन्दर्य हो, कुछ ऐसी निराली एवं अद्‌भुत चीजें हों, जिन्हें देखकर उसका चित्त शान्ति के साथ-साथ अनूठे आनन्द का अनुभव कर सके । अपने बिताये हुए समय से वह फिर से तरोताजा हो नवीन उत्साह और सरसता का अनुभव कर सके ।

2. भारत का प्राकृतिक सौन्दर्य:

भारत प्राकृतिक एवं भौगोलिक सुन्दरता की दृष्टि से विश्व का अनोखा और महान् राष्ट्र है । उसकी अदभुत एवं निराली सुन्दरता निश्चित ही सभी सैलानियों का मन मोह लेती है । हिमालय की बर्फीली सफेद चोटियां, सागर की उत्ताल तरंगें, मध्य की हरियाली, मखमल की चादर ओढ़े मैदानी भाग, मरुस्थलीय भागों का रेतीला सौन्दर्य अपनी संस्कृति की विविधता के साथ इतना दर्शनीय एवं आकर्षक है ।

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इसके दर्शनीय स्थान अपनी विशालका विविधता, कलात्मक संस्कृति के कारण विश्वविख्यात और अनूठे हैं । देश के विभिन्न दर्शनीय स्थल-हमारे देश के विभिन्न दर्शनीय स्थलों में उत्तरी क्षेत्र की प्राकृतिक सुन्दरता अत्यन्त विविधता एवं व्यापकता लिये हुए है ।

ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, सांस्कृतिक धरोहरों के साथ भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की विशिष्ट पहचान कराता है । अपनी कला और संस्कृति के गौरव के कारण विशिष्ट पहचान रखती है:

भारत की राजधानी दिल्ली:  प्राचीन नाम इन्द्रप्रस्थ से पहचानी जाने वाली दिल्ली पुरानी और नयी दो भागों में विभाजित है । यहां की सड़कें बड़ी, चौड़ी और साफ-सुथरी हैं । सड़क के दोनों ओर खूबसूरत मकान, सरकारी आवास कार्यालय एवं दुकानें हैं ।

इसके प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में लाल किला है, जो मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा निर्मित लाल बलुआ पत्थरों का बना है । यह लाल किला अत्यन्त विशाल एवं विस्तृत है । चारों ओर 11 मीटर गहरी खाई व 33 मीटर ऊंची दीवारों से सुरक्षित है । किले में लाहौरी गेट व दिल्ली गेट दो प्रवेश द्वार हैं । इसके भीतर स्थित शीशमहल अत्यन्त अद्‌भुत है ।

कुतुबमीनार:  कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा निर्मित यह पांच मंजिला लाल पत्थर की सुन्दर इमारत है । 367 सीढ़ियां दीवार के साथ घूमती हुई सी लगती हैं । जन्तर-मन्तर-भारतीय ज्योतिष से सम्बन्धित इस स्थल का निर्माण राजा जयसिंह ने 1724 में करवाया था ।

हुमायूं का मकबरा:  इस मकबरे का निर्माण हमीदा बानो ने 1565 में करताया था । 43 मीटर ऊंची अष्टकोणीय संगमरमरीय स्थापत्य कला का बेजोड़ समन्वय इसमें मिलता है ।

राष्ट्रपति भवन:  ब्रिटिशकालीन इस विशाल भवन का विस्तार 330 एकड़ भूमि पर निर्मित है । इसमें 340 कक्ष हैं ।

इण्डिया गेट:  सन् 1931 में निर्मित इण्डिया गेट की 42 मीटर ऊंची इस इमारत में भारतीय शहीदों के नाम अंकित हैं । इसके अतिरिक्त दिल्ली का कनॉट प्लेस, चिड़ियाघर, नेहरू म्यूजियम, लोटस टेम्पल, अन्दू घर, संसद भवन, लक्ष्मीनारायण मन्दिर, तुगलकाबाद, फिरोजशाह कोटला, राष्ट्रीय संग्रहालय, राजघाट, विजयघाट, शान्तिवन, स्मृतिवन आदि प्रसिद्ध स्थल हैं ।

लखनऊ:  यह उत्तरप्रदेश की राजधानी है । यहां क्लॉक टॉवर, द रेसीडेन्सी, बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, घडीमीनार आकर्षण के प्रमुख केन्द्र हैं ।

इलाहाबाद:  पौराणिक, धार्मिक नगरी तथा गंगा, यमुना त्रिवेणी की संगमस्थली इलाहाबाद एक प्रसिद्ध नगरी है । यहां की प्रसिद्ध इमारतों में मिंटो पार्क, आनन्द भवन प्रमुख है ।

वाराणसी:  प्रसिद्ध नदी गंगा के किनारे बसा पवित्र हिन्दू स्थल है । इसे बनारस भी कहा जाता है । यहां का काशी विश्वनाथ का मन्दिर, तुलसी मानस मन्दिर, भारतमाता का मन्दिर, असीघाट, दशाश्वमेध घाट, गंगाघाट, काशी विश्वविद्यालय प्रसिद्ध हैं ।

आगरा:  सम्पूर्ण विश्व में अनूठी ऐतिहासिक धरोहर के रूप में प्रसिद्ध लाल पत्थर तथा सफेद संगमरमर से निर्मित यह इमारत 60 फीट की गोलाई के 80 फुट ऊंचे गुम्बद के घेरे में बनी है ।

आगरा का किला:  250×300 फीट का भव्य जहांगीर भवन संगमरमर से बनी सुन्दर व भव्य इमारत है ।

फतेहपुर सीकरी:  तीन दिशाओं में ऊंची प्राचीरों से घिरी यह भव्य एवं बुलन्द इमारत पर्यटकों को सहज ही आकृष्ट करती है । यहां निर्मित बुलन्द दरवाजा संसार का सबसे बड़ा दरवाजा है । दीवाने खास, दीवाने आम, सलीम चिश्ती की दरगाह प्रसिद्ध है ।

नैनीताल:  यह उत्तरांचल प्रदेश की प्राकृतिक सौन्दर्य से रंगी भूमि है ।

अल्मोड़ा: हिमालय की प्राकृतिक सुन्दरता के लिए विख्यात है । यहां मां कात्यायनी देवी का प्रसिद्ध मन्दिर है । इसके अतिरिक्त कार्बेट नेशनल पार्क, दुधवा उद्यान, पंचप्रयाग, शाकम्मरी सती पीठ, राजाजी नेशनल पार्क, केसरी फाल, लाल डिब्बा उत्तराखण्ड के दर्शनीय स्थल हैं । पहाड़ों की रानी मसूरी यहां का श्रेष्ठ प्राकृतिक स्थल है ।

राजस्थान: पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान एक सर्वप्रसिद्ध राज्य है । यहा के ऐतिहासिक स्थलों में जोधपुर, जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, पुष्कर, माउण्टआबू भरतपुर प्रमुख हैं ।

शिमला: शिमला भारत का मुख्य पर्वतीय केन्द्र है । कुन्न घाटी पृथ्वी का सबसे सुन्दर स्थान है । यहां आठ पहाड़ी नदियां बहती हैं । यहां की घाटियां लाल फूलों की मखमली चादर ओढ़े रहती हैं ।

मनाली: कुल्लू से 40 कि॰मी॰ दूर यह खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र के रूप में है । यहां चारों तरफ पहाड़ियां, हरियाली, कन्दराएं पर्यटकों का मन मोह लेती हैं । हिमालय के अन्य प्राकृतिक सौन्दर्य स्थलों में कालीबाड़ी, चैल, किन्नौर, हिडिम्बा का मन्दिर, लक्ष्मीनारायण का मन्दिर, वशिष्ठ आश्रम, रोहतांग पास, चामुण्डा शक्तिपीठ प्रसिद्ध हैं ।

कश्मीर: भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले कश्मीर को प्रकृति ने सुन्दरता का अनुपम, विलक्षण, व्यापक वरदान दिया है । सफेद, मखमली बर्फ की चादर ओढ़े, फूलों, फलों, झीलों, बाग, बगीचों, पर्वतों की स्वर्ग नगरी कश्मीर है ।

यहाँ के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल हैं-रामनगर किला, बाहुदुर्ग, अमर महल, डोगरा आर्ट म्यूजियम, रघुनाथ मन्दिर, वैष्णव देवी मन्दिर, शालीमार बाग, निशात बाग, हजरत बल मन्दिर, जुम्मा मरिजद, शंकराचार्य मन्दिर, हरि पर्वत, शाह हमदान मन्दिर, अल्पायर झील, अनन्तनाग, कोकड्‌नाग, पहलगाम, लेह कारगिल ।

अमरनाथ: यह श्वेत बर्फीले शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है । इस दुर्गम पहाड़ी से गुजरना काफी रोमांचक होता है । गुफा से 8 फीट ऊंचा शिवलिंग, जो बूंद-बूंदकर गिरते बर्फीले जल के एकत्र होने से बनता है ।

सोनमर्ग: अपनी मनोहारी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए प्रसिद्ध हरे-भरे गलीचों तथा पहाड़ियों से घिरा हुआ दर्शनीय स्थान है ।

लद्दाख: यह महायान पंथी बौद्ध लामाओं का प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थस्थल पंजाब-इसकी राजधानी चण्डीगढ़ है, जो शिवालिक पहाड़ियों के बीच समुद्रतट से 348 कि॰मी॰ दूरी पर बसा हुआ समृद्ध कृषि प्रधान प्रदेश है ।

यहां के प्रसिद्ध तीर्थस्थल हैं-अमृतसर का स्वर्णमन्दिर तथा नैनादेवी का मन्दिर । भाखड़ा नांगल बांध, राक गार्डन (12 एकड़ भूमि पर बना) प्रसिद्ध है ।

कुरूक्षेत्र: हिन्दुओं का पवित्र स्थल है । यहां श्रीकृष्ण म्यूजियम पल्लव व चोल काल की कारय प्रतिमाएं, हाथी दांत से बनी गोपालकृष्ण की मूर्तियां, गीता भवन, करनाल कुण्ड, बडखला झील भी दर्शनीय हैं । सूरजकुण्ड का मेला यहां प्रसिद्ध है ।

भोपाल: मध्यभारत में मध्यप्रदेश के दर्शनीय स्थलों में यह प्राकृतिक सौन्दर्य ऐतिहासिकता और आधुनिक सभ्यता के सुन्दर सम्मिश्रण के रूप में जाना जाता है । यहाँ की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों में ताज उल मस्जिद, जो एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है, प्रमुख है । भारत भवन, मोती मस्जिद, विधानसभा भवन, शासकीय पुरात्तव संग्रहालय, गांधी भवन, वन विहार, लक्ष्मीनारायण मन्दिर, जैन मन्दिर, बड़वाले महादेव, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स आदि प्रमुख हैं ।

उज्जैन: यहां का महाकालेश्वर का शिव मन्दिर, सूर्य मन्दिर प्रसिद्ध हैं ।

ग्वालियर: ग्यालियर की प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों में ग्वालियर का किला, मानसिंह का महल, गुजरी महल, जयविलास पैलेस, सास बहू का मन्दिर प्रमुख हैं ।

मांडू: मांडू के प्रसिद्ध स्थलों में जहाज महल, हिंडोला महल, रानी रूपमती का झरोखा है ।

जबलपुर: यहां भेड़ाघाट का जलप्रपात प्रसिद्ध है ।

खजुराहो: यह चंदेल राजाओं द्वारा बनाये गये मन्दिरों की वजह से प्रसिद्ध है । कामकला की विभिन्न मुद्राओं में गारिक मूर्तियां लौकिक एवं अलौकिक कला के अदभुत नमूने हैं ।

विदिशा: यह हिन्दू और जैन मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध है ।

चित्रकूट: चित्रकूट की प्राकृतिक सुन्दरता ही निराली है ।

छत्तीसगढ़:  यहां के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में रतनपुर का महामाया मन्दिर, छत्तीसगढ़ का खजुराहो भोरमदेव, दंतेवाड़ा का दंतेश्वरी मन्दिर, मल्हार, डोगरगढ़ का बम्नेश्वरी मन्दिर, तालागांव, डीपाडीह का शिव मन्दिर, बारसूर का मन्दिर, पाली, तालाग्राम, लुथरा शरीफ, राजीव लोचन मन्दिर, बस्तर की दंतेश्वरी, खल्लारी के साथ-साथ कुटुम्बसर गुफा, केन्दई जलप्रपात, दण्डकारण्य, भिलाई तथा बाल, एन॰टी॰पी॰सी॰ कोरबा आदि प्रसिद्ध औद्यलेकि तीर्थ हैं ।

भारत के पश्चिमी भागों के दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं:

मुम्बई:  द्वीपों को मिलाकर समुद्र के किनारे बसी मुम्बई नगरी महाराष्ट्र की राजधानी है । औद्योगिक इकाइयों, बन्दरगाहों, गणेशोत्सव के लिए प्रसिद्ध यहां के दर्शनीय स्थल हैं-गेटवे ऑफ इण्डिया, जहांगीर आर्ट गैलरी, सेंट जार्ज चर्च, तारपोरवाला एक्वेरियम, कमला नेहरू पार्क, मणि भवन, कारला गुफा, पृथ्वी थियेटर, हिन्दी फिल्म इण्डस्ट्रीज, भाभा एटामिक सेंटर, हैंगिग गार्डन, जूहू बीच (चौपाटी), एस्सल वर्ल्ड, एलीपोन्ता केव, विक्टोरिया टर्मिनल ।

महाबलेश्वर:  यह सहयादि पर्वतमाला पर 10 कि॰मी॰ फैला हुआ प्राकृतिक दर्शनीय स्थल है ।

खंडाला:  300 फीट की ऊंचाई से गिरता पहाड़ी झरना यहां का दर्शनीय स्थल है ।

अजंता एलोरा की गुफाएं-गुफा चित्रों के लिए प्रसिद्ध इन गुफाओं में बौद्धकालीन वास्तुकला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है । अजंता में कुल 29 तथा एलोरा में 34 गुफाएं हैं ।

औरंगाबाद: दौलताबाद का किला, बीबी का मकबरा, औरंगजेब का किला यहां दर्शनीय हैं ।

नासिक: हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थस्थल नासिक है । यहां सोमेश्वर शिव मन्दिर और बौद्ध गुफाएं प्रसिद्ध हैं ।

शिरडी: यहां साई बाबा की समाधि है तथा उनके चमत्कारों व जीवन से सम्बन्धित वस्तुएं हैं । धार्मिक एवं श्रद्धा के केन्द्र शिरडी में लेंडीबाग, द्वारिकामाई प्रसिद्ध हैं ।

रामटेक: यहां पौराणिक, ऐतिहासिक गाथाओं से जुड़े अनेक धार्मिक स्थल हैं ।

गोवा: सुन्दर सागर, झरनों, बगीचों का शहर पर्यटकों का स्वर्ग है । भारत के पश्चिमी समुद्री तट पर बसे इस प्राकृतिक सौन्दर्ययुक्त प्रदेश में आदिलशाह का अस्तबल, महालक्ष्मी का मन्दिर है । यहां ईसाई तथा पुर्तगाली शैली की इमारतें हैं । यहां का बाम जीजस चर्च प्रसिद्ध है । केसरवाल जलप्रपात, श्रीमंगेश मन्दिर दर्शनीय हैं ।

द्वारिकापुरी: श्रीकृष्ण के जीवन से सम्बन्धित यह प्रसिद्ध नगरी समुद्रतट पर धार्मिक पवित्र स्थली है । यहां का सोमनाथ मन्दिर भी प्रसिद्ध है ।

दक्षिणी भागों के दर्शनीय स्थलों में प्रमुख हैं:

मद्रास: यहां दर्शनार्थियों के लिए देखने योग्य स्थल हैं: पार्थसारथी का मन्दिर, फोर्ट सेंट जॉर्ज आर्ट गैलरी, पैरान्दूर स्ट्रेगल कोच फैक्ट्री, महाबलीपुरम का मन्दिर, कांचीपुरम का मन्दिर, कैलाशनाथ मन्दिर आदि ।

तंजौर: यहां स्थापत्य शैली के मन्दिरों की बेजोड़ कारीगरी का अद्‌भुत नमूना देखने को मिलता है । नंदी मन्दिर प्रमुख दर्शनीय स्थल है ।

मीनाक्षी मन्दिर: 1000 खम्भे पर टिकी विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां यहां की विशेषता है । रामेश्वरम-रामेश्वरम में हिन्दुओं का विशाल भव्य मन्दिर है, जिसमें द्रविड स्थापत्य शैली की कारीगरी मिलती है । छतों पर की गयी नक्काशी अनुपम है ।

चारमीनार: यज्ञ 1591 में मोहम्मद कुली शाह द्वारा बनायी गयी यह विख्यात मीनार अत्यन्त भव्य है । इसके अतिरिक्त आकप्रदेश के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में विशाखापट्टनम, तिरूपति हैं ।

मैसूर: मैसूर का राजमहल बहुत ही विशाल है । यह अपनी अनूठी वास्तुकला, छतों पर खूबसूरत चित्रकारी, फर्शों की डिजाइन, हाथी दांत एवं पत्थरों पर अपनी अद्वितीय कारीगरी के लिए प्रसिद्ध है । यहां विभिन्न देवी-देवताओं की सुन्दर मूर्तियां हैं ।

क्षृंगेरी मठ:  जगदगुरु शंकराचार्य के नाम से विख्यात तूंगा नदी के तट पर स्थित मठ है ।

बेलूर:  स्थापत्य शैली का सुन्दर मन्दिर है । यहां भगवान् विष्णु का 2 मीटर ऊंचा मन्दिर है । विष्णु के दशावतारों की मूर्तियां असाधारण हैं । कर्नाटक के अन्य दर्शनीय स्थलों में पातालेश्वर लिंग मन्दिर, गोल गुम्बद, मंगलौर, उडिपी नागरहोल, राष्ट्रीय उद्यान प्रमुख हैं ।

केरल:  सदाबहार हरियाली एवं प्राकृतिक छटा का प्रदेश है केरल । यहां के प्रसिद्ध मन्दिर हैं: पद्ममनाथ स्वामी की अधलेटी प्रतिमा वाला मन्दिर, यहूदी मन्दिर, सेंट फ्रांसिस चर्च, पेरियार अभ्यारण्य, डच महल ।

पूर्वी भागों के प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में प्रसिद्ध हैं:

कोलकता:  यहां कालीघाट का काली मन्दिर, बिडला तारा मण्डल, हावड़ा ब्रिज, दक्षिणेश्वर काली मन्दिर, तैरता हुआ म्यूजियम, राष्ट्रीय पुस्तकालय. पारसनाथ जैन मन्दिर, बेलूर मठ, तारकेश्वर मन्दिर, शान्तिनिकेतन, मालदाह उद्धारणपुर घाट, सिलिगुड़ी, कूचविहार, दार्जिलिंग, सुन्दरवन का राष्ट्रीय उद्यान, हल्दिया बन्दरगाह, गंगा सागर, नेशनल बॉटनिकल गार्डन, साल्टलेक स्टेडियम प्रसिद्ध हैं ।

बिहार:  बौद्ध विहारों की भूमि बिहार शिक्षा व संस्कृति का महान् केन्द्र रहा है । यहां के प्रसिद्ध स्थलों में पटना, बोधगया, गया, विष्णुपाद, राजगीर, वीरायतन, ब्राह्मी कला मन्दिर, पावापुरी, सोनपुर, वैशाली, नालन्दा है । यहां पुरातात्विक म्यूजियम एवं आर्ट गैलरियां हैं ।

देवघर:  यह झारखण्ड में है । देवघर को वैद्यनाथ भी कहते हैं । यहां भगवान् शिव व नवदुर्गा का प्रसिद्ध मन्दिर है ।

पारसनाथ पहाड़:  यहां 23वें जैन तीर्थकर पार्श्वनाथ ने निर्वाण प्राप्त किया था । 1366 मी॰ की ऊंचाई पर महान् जैन मन्दिर है ।

भुवनेश्वर: भुवनेश्वर धरा मन्दिरों से घिरा हुआ सुन्दर क्षेत्र है । इसे मन्दिर की नगरी भी कहा जाता है ।

जगन्नाथ पुरी:  भगवान् कृष्ण के अवतार जगन्नाथ का भव्य मन्दिर यहां पर है । मार्कण्डेय मन्दिर, कोर्णाक सूर्य मन्दिर, लिंगराज मन्दिर स्थापत्य कला के विशेष नमूने हैं । यहां भगवान् जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की रथयात्रा अत्यन्त श्रद्धा एवं भक्तिपूर्वक प्रतिवर्ष निकाली जाती है ।

इसके अतिरिक्त:  त्रिपुरा का कमला सागर, काली मन्दिर, उनकोटि नीरमहल, जन्यूरी पहाड़, देवतामुड़ा, देवताबाड़ी तथा मिजोरम का आईजवाल, लांग्थबाल चुश चादपुर, कांचुपकायना प्रसिद्ध हैं । सिक्किम का पर्वतीय क्षेत्र गंगटोक, बौद्ध विहार, असम का मानस अभ्यारण्य, कांजीरंगा, शिवसागर का शिवमन्दिर, गौरीसागर, सिलचर का कंचाकाति देवी का मन्दिर दर्शनीय स्थल हैं । मेघालय पर प्रकृति ने अपनी सुन्दरता ऐसी बिखेरी है कि इसे बादलों का स्वर्ग कहा जाता है ।

यहां के प्राकृतिक दर्शनीय स्थल हैं-तुरा, सीच्छपग, मोसमाई झरना,  चेरापूंजी । अरूणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल परशुकुण्ड, विजयनगर के बौद्ध रूदूप, मालिनीथान के भग्नावशेषों में इन्द्र, ऐरावत, नंदी बैल मूर्तियों के रूप में प्रसिद्ध हैं । अथाह जलराशि से पूर्ण अण्डमान निकोबार द्वीप समूह में पहाड़ी क्षेत्रों व हरियाली से ढका प्राकृतिक दर्शनीय स्थल है-पोर्ट ब्लेयर, रास आइलैण्ड, वाइपर द्वीप, सिप्पी घाट ।

उपसंहार: भारत के इन सभी दर्शनीय स्थलों का अपना विशिष्ट, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, सामयिक महत्त्व व गौरव है । कहीं समुद्रीतट, तो कहीं मैदानी भागों का सौन्दर्य है; कहीं पर्वतीय सुन्दरता है, तो कहीं पहाड़ी एवं बर्फीला सौन्दर्य है, जो वास्तुकला, स्थापत्यकला, चित्रकला की सुन्दर कृतियां हैं । अपनी कला और संस्कृति के लिए विख्यात मेरा देश भारत सचमुच पर्यटकों का स्वर्ग ही है ।

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