भक्ति काव्य का सामाजिक एवं सांस्कृतिक योगदान | Contribution of Devotional Poetry in Society and Culture | Hindi
भक्ति काव्य का सामाजिक एवं सांस्कृतिक योगदान! Read this article in Hindi to learn about the contribution of devotional poetry in society and culture. 14वीं सदी के मध्य से 17वीं सदी के मध्य तक अनवरत प्रवाहित भक्ति धारा भारत वर्ष में समय के जिस बिन्दु पर आंदोलनात्मक तेवर प्राप्त करती है । वह भारतीय समाज के लिए जड़ता, ठहराव किन्तु [...]