हथौड़ा: प्रकार और सावधानी | Read this article in Hindi to learn about:- 1. हैमर के प्रकार (Types of Hammer) 2. हैमर हैंडल (Hammer Handle) 3. सावधानियां (Precautions).

हैमर के प्रकार (Types of Hammer):

प्रायः निम्नलिखित प्रकार के हैमर प्रयोग में लाये जाते हैं:

I. बाल पेन हैमर:

यह एक बहुत ही साधारण प्रकार का औजार है जिसका फेस चपटा होता है और पेन बाल के समान गोल होती है । इस हैमर का अधिकतर प्रयोग चिपिंग और रिवॉटिंग करने के लिये किया जाता है ।

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भारतीय स्टैण्डर्ड (B.I.S) के अनुसार ये 0.11 से 0.91 कि.ग्रा. तक पाये जाते हैं । प्रायः हल्के कार्यों के लिये 0.33 किग्रा., मध्यम कार्यों के लिये 0.91 कि.ग्रा. और भारी कार्यों के लिये 0.91 कि.ग्रा. के हैमर प्रयोग में लाये जाते हैं ।

II. क्रॉस पेन हैमर:

इस हैमर का फेस चपटा होता है और पेन हैंडल के क्रॉस में बनी होती है । इनका अधिकतर प्रयोग शीट के जॉब में नालियां बनाने के लिये, शीट के जॉब को मोड़ते समय उनके अन्दरुनी मोड़ पर चोट लगाने के लिये किया जाता है । भारतीय स्टैडर्ड (BIS) के अनुसार ये 0.11 से 0.91 किग्रा तक पाये जाते हैं ।

III. स्ट्रेट पेन हैमर:

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इस हैमर का फेस चपटा होता है । पेन इसके आई होल या हैडल की सीध में बनी होती है । इसका अधिकतर प्रयोग धातु को फैलाने के लिये, शीट के जॉब में चेनल और नालियां बनाने के लिये किया जाता है । भारतीय स्टैण्डर्ड के अनुसार ये 11 कि.ग्रा. 0.91 किग्रा तक पाये जाते हैं । कार्य की प्रकृति के अनुसार इनका चयन करके प्रयोग में लाया जाता है ।

IV. स्लेज हैमर:

इस प्रकार के हैमर दूसरे प्रकार के हैमरों से भारी होते है । जिनका अधिकतर प्रयोग लौहारों द्वारा किया जाता है । ये तोल में प्रायः 2 से 10 किग्रा तक पाये जाते हैं । इनका अधिकतर प्रयोग प्रायः बडे कार्यों पर चोट लगाने के लिये किया जाता है चाहे वे गर्म दशा में हों या ठंडी दशा में ।

V. साफ्ट हैमर:

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इस प्रकार के हैमर प्रायः नर्म धातुओं से बनाये जाते हैं जैसे तांबा, पीतल, सीसा इत्यादि इस हैमर का प्रयोग वहाँ पर किया जाता है जहां पर मशीनिंग किये हुए फिनिश पार्ट्स को चोट लगा कर फिट करने की आवश्यकता होती है ।

VI. प्लास्टिक हैमर:

इस प्रकार के हैमर की बॉडी प्रायः स्टील की बनी होती है । इसके दोनों सिरे पर प्लास्टिक के टुकडों को साइज के अनुसार बना कर फिट कर दिया जाता है और हैमर का अधिकतर प्रयोग फिनिश किये हुए पार्टस को फिट करते समय चोट लगाने के लिये किया जाता है । ये प्रायः हल्के कार्यों के लिये प्रयोग में लाये जाते हैं ।

VII. रॉ हाइड हैमर:

इस प्रकार के हैमर की बॉडी प्रायः स्टील की बनी होती है और इसके दोनों सिरों पर कच्चे चमड़े के टुकडों को लगा दिया जाता है इनका अधिकतर प्रयोग साफ्ट हैमर की तरह किया जाता है ।

मैलेट:

लकडी के बने हुए हैमर को मैलेट कहते हैं । ये प्रायः कड़ी लकड़ी के बनाये जाते हैं । इनका अधिकतर प्रयोग शीट मैटल के कार्यों के लिये किया जाता है । जैसे शीट को मोड़ना या सीधा करना इत्यादि । इनका प्रयोग बढ़ई के कार्यों के लिये भी किया जाता है ।

हैमर हैंडल (Hammer Handle):

हैमर का हैंडल लकड़ी का बनाया होता है । क्योंकि लकड़ी से थोड़ा सा स्प्रिंग ऐआन होता है और यह झटकों को सहन कर लती है । प्रायः हिकरी बुड, अकारिया (बिना गांठ वाली) का प्रयोग हैमर का हैंडल बनाने के लिए किया जाता है । साधारण कार्यों के लिए हैमर के हैंडल की लंबाई 25 से.मी. से 32.5 से.मी. होनी चाहिए और स्लैज हैमर के लिए हैंडल की लंबाई 60 से.मी. से 90 से.मी. होनी चाहिए ।

हैमर हैंडल को पकड़ना:

हैमर के हैंडल को उसके सिरे से 15 से.मी. से 30 से.मी. हाथ द्वारा कस कर पकडना चाहिए; हैंडल को चारों अगुलियों से पकडकर हथेली की ओर प्रैस करना चाहिए अंगुठे को तर्जनी के ऊपर लाना चाहिए । स्विगं करते समय व चोट मारते समय सभी अगुलियों को बंद रखना चाहिए ।

हैमर हैंडल को फिट करने की विधि:

हैमर के हैंडल को हैमर के आई होल में फिट किया जाता है । हैंडल प्रायः मजबूत लकड़ी का बना होता है । जिसके एक सिरे को रास्प कट फाइल के द्वारा रगड़ कर टेपर में बना लिया जाता है । और वेज के अनुसार लगभग 20 से 25 मिमी. लंबा व 2 से 5 मि.मी. चौड़ा खांचा काट लिया जाता है और टेपर किये हुए सिरे को आई होल के बीच में डाल कर खांचे में वैज ठोंक दी जाती है ।

हैमर का आई होल अण्डाकार आकार में बना होता है । जिससे यह लाभ होता है कि हैमर के द्वारा चोट लगाते समय हैमर हैंडल पर घूम नहीं सकता है । हैमर का आई होल किनारों की ओर टेपर में भी बना होता है जिससे हैंडल का टेपर किया हुआ सिरा उसमें डाल कर वेज लगा देते हैं ।

इस प्रकार चोट लगाते समय हैमर हैंडल से निकलने नहीं पाता है । साधारण हैमर के हैंडल की औसतन लंबाई 25 से 32.5 से.मी. तक रखी जा सकती है । स्लैज हैमर के हैंडल की लंबाई प्रायः 60 से 90 से.मी. तक रखी जा सकती है ।

हैमर के उपयोग में सावधानियां (Precautions Taken for Using Hammer):

i. कार्य करने से पहले यह चैक कर लेना चाहिये कि हैमर के फेस या हैंडल पर तेल या ग्रीस न लगी हो ।

ii. बिना वैज लगे हैमर का प्रयोग नहीं करना चाहिये ।

iii. टूटे हुए हैंडल या फैले हुए फेस वाले हैमर का प्रयोग नहीं करना चाहिये ।

iv. कार्य करते समय हैमर को उसके हैंडल के सिरे से लगभग 15 से 30 मिमी. छोड़कर पकड़ना चाहिये ।

v. हैमर से चोट लगाते समय प्रायः चोट लगाने वाले स्थान को देखना चाहिये न कि हैमर की ओर ।

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