ट्‌वेण्टी- 20 क्रिकेट पर निबंध! Here is an essay on ‘T-20 Cricket’ in Hindi language.

आज क्रिकेट दुनिया का सर्वाधिक लोकप्रिय खेल बन चुका है । दर्शकों की क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखते ही बनती है । वैसे तो इसके सभी प्रारूप लोकप्रिय हैं, किन्तु अत्यधिक रोमांच एवं कम समय-अन्तराल के कारण अब बीस-बीस ओवरों तक सीमित क्रिकेट सर्वाधिक लोकप्रिय हो गया है । इसे ट्‌वेण्टी-20 क्रिकेट की संज्ञा दी जाती है ।

क्रिकेट के इस प्रारूप की शुरूआत इंग्लैण्ड में वर्ष 2003 में हुई । टेस्ट एवं एकदिवसीय क्रिकेट मैचों में अत्यधिक समय लगता है एवं कभी-कभी खेल में रोमांच भी नहीं रहता, इसलिए कम समय में मैच को समाप्त कर बेहतर मनोरंजन एवं खेल के रोमांच को बढ़ाने के उद्देश्य से ट्‌वेण्टी-20 क्रिकेट मैचों की शुरूआत हुई ।

भारत ने अपना पहला ट्‌वेण्टी-20 मैच 1 दिसम्बर, 2006 को जोहांसबर्ग में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेला था, जिसमें यह 6 विकेट से विजयी रहा था । दक्षिण अफ्रीका में ही सितम्बर, 2007 में आयोजित प्रथम ट्‌वेण्टी-20 क्रिकेट विश्वकप में भी भारत विजेता रहा था ।

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ट्‌वेण्टी-20 क्रिकेट विश्वकप का आयोजन प्रत्येक दो वर्ष के पश्चात् किया जाता है । क्रिकेट के इस प्रारूप सम्बन्धी नियमों को बनाकर उन्हें लागू करने की जिम्मेदारी अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) निभाता है । इसका मुख्यालय दुबई में है ।

यह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेले जाने वाले पुरुष एवं महिला दोनों क्रिकेट का नियन्त्रण करता है । इवेण्टी-20 क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा आयोजित इण्डियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा है । पहला आईपीएल टूर्नामेण्ट वर्ष 2008 में खेला गया ।

आईपीएल में दुनियाभर के क्रिकेट खिलाड़ियों के साथ अनुबन्ध किया जाता है । इसमें कम चर्चित तथा युवा खिलाड़ियों को भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल जाता है ।

क्रिकेट के इस प्रारूप से जहाँ इसके रोमांच में वृद्धि हुई है, वहीं इसने खेलों के व्यवसायीकरण को भी बढ़ावा दिया है । उद्योगपति एवं फिल्मी सितारे इसमें ऊँची बोली लगाकर टीमों एवं खिलाड़ियों को खरीदते हैं ।

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खेल के इस व्यवसायीकरण के कारण क्रिकेट में भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिला है एवं खेल-भावना को काफी क्षति भी पहुँची है । लोग इसे अब धन कमाने का जरिया समझने लगे हैं । इससे सट्टेबाजी एवं मैच फिक्सिंग को भी बढ़ावा मिला है ।

ओवरों की संख्या एवं कुछ अन्य बातों को छोड़ दिया जाए, तो ट्वेण्टी-20 क्रिकेट खेलने का तरीका अन्य क्रिकेट प्रारूप से भिन्न नहीं है । एक ट्वेण्टी-20 क्रिकेट मुकाबले में 11 खिलाड़ियों के दो दल शामिल होते हैं ।

दोनों ही दलों के कप्तान पहले टॉस करते हैं फिर टॉस जीतने वाले कप्तान की इच्छा के अनुसार क्रमवार बॉलिंग और बैटिंग का चयन किया जाता है । टॉस में विजयी कप्तान यदि बैटिंग का चयन करता है, तो पराजित कप्तान के दल को फील्डिंग करनी होती है ।

ट्वेण्टी-20 मैचों में ओवर-दर-ओबर मैच के रोमांच में वृद्धि होती जाती है और दर्शकगण चरमोत्कर्ष आने पर खुशी से उछल पड़ते हैं । बल्लेबाजी के दौरान बल्लेबाज सुरक्षा दृष्टिकोण से हेलमेट भी धारण करते हैं, क्योंकि गेंदबाजों की विविधताभरी गेंदबाजी से चोट लगने की प्रबल आशंका रहती है ।

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एक दल द्वारा निर्धारित ओवरों के दौरान बनाए गए रनों को पार करना ही विपक्षी दल का लक्ष्य होता है, मैच के दौरान दोनों ही दलों द्वारा जीतने के भरपूर प्रयास किए जाते हैं ।

बल्लेबाजी करने वाला दल अधिकाधिक रन बटोरने को प्रयासरत रहता है, तो गेंदबाजी करने वाला दल रन-गति को रोकने का भरपूर प्रयास करता है । इस प्रकार से दोनों दलों के मध्य की यह मशक्कत ही इस खेल में रोमांच पैदा करती है ।

खेल के दौरान जहाँ बल्लेबाज जी-जान से रन-गति बढ़ाने का प्रयास करते हैं, वहीं गेंदबाज और विपक्षी दल के कप्तान निरन्तर रन-गति का नियन्त्रित करने के लिए उपयुक्त फील्ड-सैटिंग को प्रयासरत् रहते हैं । मैच के दौरान अम्पायर की भी प्रमुख भूमिका होती है ।

वह विभिन्न संकेतों के द्वारा आउट होने, चौके-छक्के और थर्ड अम्पायर द्वारा निर्णय लिए जाने के बारे में बताता है । अम्पायर का कोई भी निर्णय निर्विवाद रूप से मान्य होता है । मैदान पर मौजूद दोनों टीमों के खिलाड़ी अम्पायर के निर्णय मानने को बाध्य होते हैं ।

पहले बल्लेबाजी करने बाला दल पारी समाप्त होने पर विपक्षी दल के लिए लक्ष्य रख देता है । तदुपरान्त दूसरी पारी में विपक्षी दल उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयास करता है । यदि विपक्षी दल के सभी सदस्य लक्ष्य की बराबरी कर आउट हो जाते हैं, तो वह मैच ‘ड्रा’ या ‘टाई’ मान लिया जाता है ।

अब तक वर्ष 2007 से 2014 तक हुए पाँच ट्वेण्टी-20 विश्वकप मैचों में किसी एक देश को दो बार विजेता बनने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है । अब तक इन मैचों में विश्वकप विजेता बनने वाली टीमें इस प्रकार हैं- पाकिस्तान (2009), इंग्लैण्ड (2010), वेस्टइण्डीज (2012) एवं श्रीलंका (2014) ।

वर्ष 2016 में होने वाला अगला ट्वेण्टी-20 विश्वकप मैच भारत में खेला जाएगा । ट्वेण्टी-20 क्रिकेट खेलने वाले सफल भारतीय खिलाड़ियों में महेन्द्र सिंह धोनी, सचिन तेन्दुलकर, युवराज सिंह, वीरेन्द्र सहवाग, यूसुफ पठान, हरभजन सिंह, गौतम गम्भीर, विराट कोहली, प्रवीण कुमार आदि के नाम लिए जा सकते हैं ।

अपनी अलग विशेषताओं के कारण ट्वेण्टी-20 क्रिकेट का प्रचार-प्रसार विश्वभर में तेजी से हुआ है और इसके प्रशंसकों की संख्या में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है ।

आज के व्यस्त जीवन में अल्प समय में पूर्ण मनोरंजन कर आद्योपान्त रोमांच कायम रखने में इस फटाफट क्रिकेट का कोई अन्य विकल्प नहीं है । इसने क्रिकेट की लोकप्रियता में अविश्वसनीय बुद्धि की है । आशा है क्रिकेट के इस नए लोकप्रिय प्रारूप में भारतीय खिलाड़ी नई ऊँचाइयों को हासिल करेंगे ।

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