एल्यूमीनियम बर्तन कैसे निर्माण करें? | Are you planning to manufacture aluminium utensils? Read this article in Hindi to learn about how to manufacture and produce aluminium utensils.
प्रत्येक परिवार में विभिन्न प्रकार की धातुओं से निर्मित बर्तनों का उपयोग किया जाता है जैसे, स्टील, पीतल, एल्युमीनियम, कांसा व विभिन्न प्रकार की अन्य धातुयें । यद्यपि इन विभिन्न प्रकार की धातुओं से बने बर्तनों का अपना महत्व है परन्तु निम्न तथा निम्न-माध्यम आय वर्ग द्वारा एल्युमीनियम के बर्तनों का अधिक उपयोग किया जाता है ।
वजन में कम ताप स्थानांतरण क्षमता अधिक तथा कम कीमत की वजह से इसे कम आय वर्ग की चांदी भी कहा जाता है । अपने भौतिक गुणों व टिकाऊ होने के कारण एल्युमीनियम के बर्तनों की अच्छी माँग है । जनसंख्या के बढ़ने के साथ इसका बाजार भी बर्तनों की मुख्य मांग गांवों में है, परंतु शहरों में भी इनका प्रचलन निरन्तर बढ़ रहा है ।
एल्युमीनियम के बर्तनों की निर्माण प्रक्रिया (Manufacturing Process for Aluminium Utensils):
एल्युमीनियम वृत (सर्किल) को आवश्यकतानुसार आकार में लेकर उसे मैटल स्पिनिंग मशीन द्वारा आवश्यक आकार में काटा जाता है तथा वांछित आकार में मोल्ड किया जाता है । तत्पश्चात इसे साफ करके पॉलिश करने के उपरान्त विपणन हेतु प्रस्तुत कर दिया जाता है ।
एल्युमीनियम के बर्तनों की उत्पादन प्रक्रिया (Production Process for Aluminium Utensils):
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प्रस्तुत इकाई में एल्युमीनियम के विभिन्न प्रकार के 11 मैट्रिक टन बर्तन प्रतिवर्ष बनाना प्रस्तावित है जिसकी 108/- रु. प्रति कि.ग्रा. की दर से बिक्री से रु. 11,88, 000/- तथा स्क्रेप की (0.75 मिट्रिक टन) रु.15/- प्रति कि.ग्रा. की दर से बिक्री से कुल 11,250/- रु. की प्राप्तियां होंगी । इस प्रकार इस इकाई से प्रतिवर्ष कुल रु. 11,99,250/- की प्राप्तियाँ अनुमानित हैं ।
एल्युमीनियम के बर्तनों की इकाई का वित्तीय पहलू (Financial Aspects of the Aluminium Utensils Manufacturing Entity):
1. भूमि/भवन:
इकाई हेतु लगभग 1000 वर्ग फुट जगह की आवश्यकता होगी जिसका प्रतिमाह 2000 रु. किराया देय होगा ।
2. मशीनरी तथा उपकरणों की आवश्यकता:
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इस इकाई में लगने वाले प्रमुख मशीनरी तथा उपकरण निम्नानुसार होंगे:
9. इकाई स्थापना हेतु प्रस्तावित वित्तीय स्त्रोत:
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प्रधानमंत्री रोजगार योजनार्न्तगत यह इकाई दो व्यक्तियों की पार्टनरशिप में प्रारंभ की जा सकती है जिसमें उद्यमी/उद्याइयों का अंशदान तथा बैंक ऋण का अनुपात निम्नानुसार होगा:
12. लाभप्रदता:
(i) वार्षिक लाभ = 10231
(ii) मासिक लाभ = 8526
13. कच्चा माल प्रदार्यकर्ता:
इस इकाई हेतु कच्चा माल स्थानीय बाजार से प्राप्त किया जा सकता है ।