थॉमस अल्वा एडीसन की जीवनी । Biography of Thomas Alva Edition in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. जन्म परिचय एवं उपलब्दियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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थॉमस अल्पा एडीसन को बिजली के बत्व की महान् खोज के लिए जितना जाना जाता है, उससे अधिक उन्हें विद्युत चुम्बक, टेलीफोनिक रिसीवर, फोनोग्राफी, काइनेटोग्राफ, काइनेटोफोन आदि उपकरणों के निर्माता के रूप में भी पहचाना जाता है । वे एक महान वैज्ञानिक, बहुआयामी प्रतिभा के धनी, अनवरत शोधार्थी, अटूट, अथक परिश्रमी तथा परोपकारी वैज्ञानिक थे ।

2. जन्म परिचय एवं उपलब्धियां:

प्रसिद्ध अमेरिकन वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडीसन का जन्म 11 फरवरी, 1847 को मिलन {ओहियो} में हुआ था । जब वे 7 वर्ष के थे, तो उनका परिवार मिशीगन पोर्ट हुरौन चला आया । यहां के स्कूल में पढ़ने वाले एडीसन अत्यन्त कमजोर विद्यार्थी के रूप में जाने जाते थे ।

अपमानित होकर उन्होंने 3 महीनों के बाद स्कूल छोड्‌कर अपने माता द्वारा घर पर ही शिक्षा ग्रहण की । प्रयोगों में उनकी रुचि बचपन से ही रही थी । आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्होंने रेलगाड़ी में समाचार-पत्र बेचने का काम प्रारम्भ किया और रेलगाड़ी में ही छोटा-सा छापाखाना तैयार कर सामान वाले डिबे में एक छोटी-सी प्रयोगशाला भी स्थापित कर ली ।

एक दिन तो टेलीग्राफी सम्बन्धी प्रयोग के दौरान प्रयोगशाला के डिब्बे में आग लग गयी, जिससे क्रोधित होकर रेल अधिकारियों ने उनके छापेखाने को स्टेशन पर फेंक दिया । रेल कंडक्टर ने इतना पीटा कि वे आजीवन के लिए बहरे हो गये । सन् 1862 की बात है ।

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एडीसन ने अखबार बेचते समय एक बालक को ट्रक की ओर भागते देखा, तो उन्होंने अपने प्राणों की बाजी लगाकर उस लड़के की प्राणरक्षा की । स्टेशन मास्टर ने अपने पुत्र की प्राणरक्षा की एवज में एडीसन को टेलीग्राफी सिखायी ।

इस प्रकार वे टेलीग्राफ ऑपरेटर बने । रात को ड्‌यूटी के दौरान नींद से बचने के लिए उन्होंने एक फोनोग्राफी यन्त्र का भी आविष्कार कर लिया । जिस आफिस में काम करते थे, वहां चूहे बहुत अधिक थे । अत: उन्होंने चूहों को मारने के लिए बिजली चालित यन्त्र बनाया । ऐसा उपकरण भी बनाया, जो सन्देशों को अपने आप रिकॉर्ड कर लेता था । उन्होंने तो वोट रिकार्डर उपकरण भी बनाया था ।

विरोध के बाद इसे छोड्‌कर टेलीग्राफ सेवा में ध्यान केन्द्रित कर लिया । न्यूयार्क में जब आये, तो उनकी तंगहाली इतनी थी कि वे भरपेट भोजन तक नहीं जुटा पाते थे । एक दिन ऐसे ही वे बैटरी रूम के आफिस के बाहर बैठे हुए थे । एक ट्रांसमीटर के दूटने पर आफिस वालों ने उन्हें अपराधी बनाकर बहुत मारा-पीटा ।

एडीसन ने उस ट्रांसमीटर मशीन को चालू कर दिया, तो एक अधिकारी ने उनकी प्रतिभा से प्रसन्न होकर उन्हें प्लान्ट मैनेजर बना दिया । एक टेलीग्राफ इंजीनियर के साथ काम करते हुए उन्होंने न्यूजर्सी में टेपमशीन और उसके पुर्जों को बनाने का कार्य शुरू किया । एडीसन ने बिजली के मोटोग्राफ द्वारा मोर्स के टेलीग्राफ को ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण बना दिया ।

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विद्युत चुम्बक के सिद्धान्त पर आधारित इस टेलीफोन रिसीवर की आवाज साफ-साफ बड़ी दूर तक सुनाई पड़ती थी । इस आविष्कार के कारण वे काफी लोकप्रिय हो चले थे । फिर एडीसन ने सन्देश एक साथ भेजे जाने वाला फोनोग्राफ उपकरण बनाया ।

अपने अगले आविष्कार इलेक्ट्रो फोटोग्राफ के आधार पर अधिक जोर से बोलने वाला टेलीफोन बनाया । एडीसन ने कार्बन का धागा खोजकर बिजली के बत्व को एक ऐसा रूप दिया, जिसने पूरी दुनिया को बिजली के प्रकाश से आलोकित किया ।

बिजली का तत्व तैयार करने में एडीसन ने अनेक प्रयोग, अनेक परीक्षण किये, जिसमें 1600 खनिजों का प्रयोग भी किया । 21 अक्टूबर, 1879 को तैयार बिजली के बल्ब ने तो आविष्कार जगत् में क्रान्ति-सी ला दी

थी । इसी वर्ष उन्होंने काइनेटोग्राफ तैयार किया, जिसमें चलती हुई तस्वीरें उतारने का प्रथम कैमरा था । उन्होंने कैमरे को फोटोग्राफ से जोड़ दिया ।

बस, फिर क्या था, बोलती हुई तस्वीर का आविष्कार हो गया । सन् 1876 में एडीसन का विवाह गेरी शिलवैल से हुआ था, जिससे उनके तीन बच्चे हुए । सन् 1884 में शिलवैल की मृत्यु के पश्चात् मीना मिलर्स से दूसरा विवाह किया । ऐसे महान् आविष्कारक की मृत्यु जीवन के अन्तिम क्षणों तक कार्य करते हुए सन् 1931 गे हो गयी ।

3. उपसंहार:

यान्त्रिकीय सभ्यता के जनक या पिता कहे जाने वाले एडीसन ने बिजली और यान्त्रिकी के क्षेत्र में इतनी देने विश्व को प्रदान की हैं, जिनके कारण आज मानव का जीवन सुविधा सम्पन्न, मनोरंजन से पूर्ण बन पाया है । उन्होंने आजीवन कष्ट सहकर संघर्ष करते हुए जो कुछ भी आविष्कार किये, उसके लिए संसार उससे नहीं हो पायेगा ।

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