स्टील नियम: प्रकार और उपयोग | Read this article in Hindi to learn about:- 1. स्टील रूल के प्रकार (Types of Steel Rule) 2. स्टील रूल के उपयोग (Uses of Steel Rule) 3. सावधानियां (Precautions).

स्टील रूल के प्रकार (Types of Steel Rule):

कार्यशाला में प्रायः निम्नलिखित प्रकार के स्टील रूल प्रयोग में लाये जाते हैं:

I. स्टैण्डर्ड स्टील रूल:

यह एक प्रकार का साधारण स्टील रूल है जिसका अधिकतम प्रयोग कार्यशाला में किया जाता है । इस पर इंच और सेंटीमीटर में निशान अंकित रहते हैं । इस स्टील रूल द्वारा कम से कम 1/64” या 1/2 मि.मी. तक माप ली जा सकती हैं । इसलिए यह स्टील रूल साधारण कार्यों के लिए बहुत ही उपयोगी है । ये प्रायः 6 इंच से 48 इंच और 15 से.मी. से 120 से.मी. तक पाये जाते हैं परन्तु 6” से 12” और 15 से.मी. से 30 से.मी. साइज वाले स्टील रूल का अधिकतम प्रयोग होता है ।

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II. फ्लेक्सीबल स्टील रूल:

इस प्रकार का स्टील रूल देखने में स्टैण्डर्ड स्टील रूल की तरह होता है । इसको स्प्रिंग स्टील की पतली पत्ती से बनाया जाता है इसलिए इसमें लचकपन अधिक होती है । इसका अधिकतर प्रयोग वक्राकार आकृति वाले कार्यों की माप लेने के लिए किया जाता है । ये प्रायः 6” या 15 से.मी. लंबाई में पाये जाते हैं । परंतु कार्य के अनुसार इससे अधिक लंबाई वाले फ्लेक्सीबल स्टील रूल भी पाये जाते हैं ।

III. नैरो रूल:

इस प्रकार के स्टील रूल की चौड़ाई स्टैण्डर्ड स्टील रूल की अपेक्षा कम होती है । इसकी चौड़ाई प्रायः 5 मि मी. होती है । इसका अधिकतर प्रयोग कम चौड़ी नाली या खांचे की मापें लेने के लिए किया जाता है । ये प्रायः 12” या 30 से. मी लंबाई तक पाये जाते है ।

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IV. हुक रूल:

इस प्रकार के स्टील रूल के एक सिरे पर हुक लगी होती है इसलिए इसे हुक रूल कहते हैं । हुक के कारण इसके द्वारा किसी भी सुराख या पाइप के अंदर के किनारों से आसानी से माप ली जाती है । इनका प्रयोग इन साइड केलिपर और डिवाइडर पर साइज को सैट करने के लिए भी किया जाता है । ये प्रायः 12 या 30 से.मी. लंबाई तक पाये जाते हैं ।

V. श्रिंक रूल:

इस प्रकार का स्टील रूल स्टैण्डर्ड रूल की तरह होता है । अंतर केवल इतना होता है कि इसके इंच वाले निशान स्टैण्डर्ड इंच से कुछ बड़े होते हैं । ये निशान कार्य के अनुसार 1/10” से 7/16” तक प्रति फुट बडे रखे जाते हैं । इस प्रकार के रूल का अधिकतर प्रयोग पैटर्न मेकर के द्वारा किया जाता है ।

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पैटर्न मेकर जो सांचा बनाता है उसमें पिघली हुई धातु जब भरी जाती है तो वह लाल गर्म होती है । सांचे में भरने के बाद जब धातु ठंडी होती है तो वह कुछ सिकुड़ जाती है । इस प्रकार जब पैटर्न कुछ बडे साइज का बनेगा तो वह साँचे को भी उतने ही बडे साइज का बनायेगा और धातु का पुर्जा बनने के बाद जब ठंडा होकर सिकुड़ेगा तो लगभग ठीक साइज का बन जायेगा । इस प्रकार के रूल को उसकी लंबाई और श्रिंक एलाउंस के अनुसार निर्दिष्ट किया जाता हैं । श्रिंक एलाउंस इस रूल के ऊपर छपा रहता है ।

VI. की सीट रूल:

इस प्रकार का रूल ऐंगल ऑयरन के आकार का होता है । इसका अधिकतर प्रयोग वक्राकार आकार के कार्यों पर लंबाई में समानान्तर रेखायें खींचने के लिए और किसी शाफ्ट पर चाबीघाट की मार्किंग करने के लिए किया जाता है ।

VII. स्टील टेप रूल:

इस प्रकार का फ्लेक्सीबल रूल है जो कि गोल आकार की डिब्बी में फिट रहता है । ये 6′ या 2 मीटर लंबाई तक पाये जाते हैं । इसका अधिकतर प्रयोग टेढ़ी मेढ़ी सतहों की माप लेने के लिए किया जाता है ।

रूल और स्केल में अंतर:

रूल का अधिकार प्रयोग वर्कशाप में किसी जॉब की माप लेने और उसे चैक करने के लिए किया जाता है जबकि स्केल का प्रयोग ड्राइंग और रेखाचित्र बनाने के किया जाता है ।

स्टील रूल के उपयोग (Uses of Steel Rule):

स्टील रूल का प्रयोग कार्यशाला में कई कार्यों के लिए किया जाता है जिनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं:

I. स्टील रूल का प्रयोग करके जॉब की एक डेटस ऐज पर हाई वायर लगाकर अन्य डेटम रोज की दूरी को मापा जा सकता है ।

II. डिवाइडर पर माप को ट्रांसफर करने के लिए ।

III. आडलेग केलिपर पर माप ट्रासफर करने के लिए ।

IV. आउटसाइड केलिपर पर माप को ट्रांसफर करने के लिए ।

V. इनसाइड केलिपर पर माप को ट्रांसफर करने के लिए ।

स्टील रूल के उपयोग में सावधानियां (Precautions to be Taken while Using Steel Rule):

I. स्टील रूल को कभी कटिंग टूल्स के साथ मिलाकर नहीं रखना चाहिए ।

II. स्टील रूल को कभी पेंचकस की तरह प्रयोग नहीं करना चाहिए ।

III. कार्य में लाने के बाद इसे अच्छी तरह से साफ कर देना चाहिए ।

IV. स्टील रूल को समय-समय पर हल्का तेल लगाते रहना चाहिए ।

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