यूनिट बैंकिंग सिस्टम: मतलब, मेरिट और डेमिटिट्स | Read this article in Hindi to learn about:- 1. इकाई बैंकिंग प्रणाली का अर्थ (Meaning of Unit Banking System) 2. इकाई बैंकिंग के गुण या लाभ (Merits or Advantages of Unit Banking) 3. दोष (Demerits).

इकाई बैंकिंग प्रणाली का अर्थ (Meaning of Unit Banking System):

इकाई बैंकिंग प्रणाली के अन्तर्गत प्रत्येक बैंक एक अलग प्राथमिक इकाई के रूप में होती है जिसका स्वामित्व, प्रबन्ध एवं पूँजी अलग-अलग होती है । बैंक की शाखाएँ नहीं होती हैं । प्रत्येक बैंक का साधारणतः एक ही कार्यालय होता है जिसका स्वतन्त्र पंजीयन होता है ।

इस प्रकार इकाई बैंकिंग प्रणाली के अन्तर्गत:

(i) प्रत्येक बैंक एक पृथक् इकाई होती है ।

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(ii) प्रत्येक बैंक का पृथक् पंजीकरण होता है ।

(iii) प्रत्येक बैंक की पृथक् पूंजी होती है ।

(iv) प्रत्येक बैंक का पृथक् निदेशक-मण्डल होता है ।

(v) प्रत्येक बैंक का पृथक् स्वामित्व होता है ।

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अमेरिका में इकाई बैंकिंग प्रणाली के अन्तर्गत बहुत बडी संख्या में छाटे-छोटे ऐसे बैंक हैं जिनका केवल एक ही कार्यालय है, शाखाएँ नहीं हैं । ऐसे बैंक प्रायः स्थानीय या एक क्षेत्र विशेष की बैंकिंग आवश्यकताओं की पूर्ति करने हेतु स्थापित किए जाते है ।

संचार बैंक (Correspondent Banks):

इकाई बैंकिंग के अन्तर्गत चूकि प्रत्येक बैंक की प्रायः एक ही शाखा होती है अतः एक स्थान से दूसरे स्थान को धन के अन्तरण (Transfer) में कठिनाई आती है | जिसके निराकरण हेतु विभिन्न बैंक परस्पर समझौता कर लेते है जिसके अनुसार एक बैंक अन्य दूसरे बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है । इसे संचार बैंक कहते हैं । विभिन्न बैंक संचार बैंक के पास धन जमा कराके एक स्थान से दूसरे स्थान को धन का प्रेषण करते हैं ।

इकाई बैंकिंग के गुण या लाभ (Merits or Advantages of Unit Banking):

(1) सीमित क्षेत्राधिकार के लाभ:

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इकाई बैंकिंग के अन्तर्गत बैंक के व्यवसाय का कार्य-क्षेत्र सीमित होता है तथा व्यवसाय भी अपेक्षाकृत छोटे पैमाने पर किया जाता है । सीमित आकार के कारण प्रबन्ध एवं प्रशासन में सुविधा रहती है तथा नियंत्रण एवं निरीक्षण की व्यवस्था भी अधिक प्रभावकारी रहती है ।

(2) विकेन्द्रीयकरण:

प्रत्येक बैंक के पृथक् स्वामित्व एवं प्रबन्ध-व्यवस्था के अन्तर्गत होने से धन एवं आय का विकेन्द्रीयकरण होता है तथा एकाधिकारी प्रविष्टियाँ हतोत्साहित होती हैं ।

(3) अक्षमता एवं अकुशलता पर अंकुश:

प्रत्येक बैंक को जीवित रहने के लिए स्वयं अपने पैसे पर खडा होना पड़ता है । अक्षम एवं अकुशल इकाइयाँ स्वयं समाप्त हो जाती है क्योंकि उनके किसी अन्य बैंक या शाखाओं से पोषण प्राप्त नहीं होता ।

इकाई बैंकिंग के दोष (Demerits of Unit Banking):

(1) जोखिम:

समस्त जोखिम उस अकेली इकाई के ही वहन करना पड़ता है अतः उसका फैलाव नहीं हो पाता । ऐसी स्थिति में प्रतिकूल परिस्थितियों में हानि की दशा में उस इकाई को अपना व्यवसाय बन्द करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रहता ।

(2) बैंकिंग सीमाओं का सीमित प्रसार:

इस पद्धति के अन्तर्गत बैंकिंग व्यवसाय का प्रसार सीमित क्षेत्र में ही हो पाता है । पिछड़े क्षेत्रों एवं छोटे स्थानों पर जब व्यवसाय कम होता है तो बैंकों की स्थापना नहीं होती क्योंकि इन क्षेत्रों या स्थानों पर लाभ की सम्भावनाएं पर्याप्त नहीं होती ।

(3) छोटे आकार के दोष:

इकाई बैंकिंग के अन्तर्गत प्रत्येक बैंक का आकार छोटा तथा कार्य-क्षेत्र सीमित होने से बैंक के वित्तीय साधन भी कम होते हैं अतः वह श्रेष्ठ विशेषज्ञों की सेवाएँ एवं आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का लाभ प्राप्त नहीं कर सकती । इसका परिणाम यह होता है कि बैंक अपने ग्राहकों को परम्परागत बैंकिंग सेवाओं के अलावा आधुनिक बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध नहीं करा पाती ।

(4) महंगी बैंकिंग सेवाएँ:

आकार छोटा होने से बैंक द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं का प्रति इकाई मूल्य भी अधिक रहता है क्योंकि प्रबन्ध एवं प्रशासन का समस्त व्यय स्थानीय सेवाओं पर ही प्रभारित होता है ।

(5) बैंकिंग नीतियों में एकरूपता का अभाव:

अलग-अलग स्वामित्व एवं प्रबन्ध वाली बैंक अपनी स्वतन्त्र नीतियों का अनुसरण करती है । तथा विभिन्न बैंकों की नीतियों, कार्यप्रणालियों ब्याज की दरों आदि में भी भिन्नता पाई जाती है ।

(6) अन्य दोष:

(i) व्यवसाय की इकाई छोटी होने से कुशलता का अभाव रहता है ।

(ii) प्रत्येक बैंक पर अलग-अलग निरीक्षण एवं नियन्त्रण रखने में कठिनाई आती है अतः बैंकिंग-व्यवस्था पर सरकार या केन्द्रीय बैंक का नियन्त्रण प्रभावकारी नहीं हो पाता ।

भारत में आधुनिक बैंकों की स्थापना ब्रिटिश नागरिकों एवं कम्पनियों द्वारा की गई थी । अतः इंग्लैण्ड की भाँति भारत में भी बैंकों की स्थापना शाखा प्रणाली (Branch Banking) के आधार पर की गई है इसलिये भारत में इकाई बैंकिंग प्रणाली अधिक लोकप्रिय नहीं है ।

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