पशुपालन और मत्स्य पालन | Animal Husbandry and Fishing in Hindi!

पशुओं की सर्वाधिक संख्या एशिया में मिलती है । यहाँ विश्व की लगभग 40 प्रतिशत पशु संख्या है । पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में पौष्टिक चारागाह विस्तृत रूप से मिलते हैं, अतः वहाँ दुग्ध-व्यवसाय उन्नत है ।

भेड़ शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में अच्छी तरह पाली जाती है । बकरियों के लिए शुष्क और पहाड़ी क्षेत्र उपयुक्त होते हैं । सूअर खाद्यान्न उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों (विशेषकर मक्का-उत्पादक क्षेत्रों में) पाले जाते हैं ।

व्यापारिक पशुपालन में पशुओं के प्रजनन, नस्ल सुधार, रोगों की रोकथाम तथा बीमार पशुओं के इलाज की समुचित व्यवस्था होती है । पशुचारण के लिए सैकड़ों वर्ग किमी. क्षेत्र में रैंच बनाए जाते हैं । यह विकसित अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला व्यवसाय है ।

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व्यापारिक पशुपालन संसार के पाँच भागों में किया जाता है:

(1) उत्तर अमेरिका का प्रेयरी क्षेत्र और पश्चिमी तटवर्ती प्रदेश,

(2) दक्षिण अमेरिका का लानोस और पंपास क्षेत्र,

(3) दक्षिणी अफ्रीका का वेल्ड प्रदेश,

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(4) आस्ट्रेलिया का डाउन्स और न्यूजीलैंड की शीतोष्ण घास भूमि,

(5) कैस्पियन सागर के पूर्व और अरब सागर के उत्तर का विस्तृत भाग ।

आर्थिक और वाणिज्यिक दृष्टि से पशुपालन का महत्व निम्नांकित कारणों से है:

1. दुग्ध और दुग्ध प्रधान:

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शीतोष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु, विस्तृत प्राकृतिक चारागाह एवं घास की भूमि, उत्तम नस्ल के पशु, विरल जनसंख्या घनत्व आदि ऐसे प्रमुख भौगोलिक कारक हैं, जो दुग्ध व्यवसाय (डेयरी उद्योग) का अनुकूल वातावरण तैयार करते हैं । पश्चिमी यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, रूस, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड दुग्ध व्यवसाय के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं ।

डेनमार्क, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड में दुग्ध व्यवसाय सहकारिता पर आधारित है । भौगोलिक रूप से न्यूजीलैंड दुग्ध पदार्थ के बाजारों से बहुत दूर अवस्थित है, इसलिए यहाँ दूध को अन्य उत्पादों (मक्खन, घी, पनीर, पाउडर दूध) में परिवर्तित कर उनका निर्यात किया जाता है । न्यूजीलैण्ड का एडाम पनीर विश्व प्रसिद्ध है तथा डेनमार्क विश्व के श्रेष्ठ मक्खन के लिए विख्यात है ।

2. मांस प्रधान:

गाय, बैल, भेड़ और सूअर से मुख्यतः मांस प्राप्त किया जाता है । ठंडे प्रदेशों में मांस की माँग बराबर बनी रहती है । चीन, अमेरिका एवं ब्राजील मांस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं । ये मांस उत्पादन में विश्व में क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान रखते हैं । इंग्लैंड संसार का सबसे बड़ा मांस आयातक राष्ट्र है । विश्व का सबसे बड़ा सूअर मांस (पोर्क) का निर्यातक देश संयुक्त राज्य अमेरिका है ।

 

3. ऊन प्रधान:

ऊनी कपड़े की प्राप्ति भेड़, बकरी, ऊँट, लामा आदि से होती है । उत्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता की दृष्टि से भेड़ के ऊन का सर्वाधिक महत्व है । आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अर्जेंटीना व दक्षिण अफ्रीका ऊन उत्पादन और निर्यात की दृष्टि से सर्वाधिक महत्वपूर्ण देश है ।

रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका भी महत्वपूर्ण ऊन उत्पादक देश हैं । भेड़ पालन के लिए शुष्क और शीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है, जिसमें छोटी घासें उगती हैं । आस्ट्रेलिया के मर्रे-डार्लिंग बेसिन में पाली जाने वाली ‘मेरिनो’ भेड़ें सर्वश्रेष्ठ कोटि का ऊन प्रदान करती हैं ।

मत्स्यन:

मत्स्य एक प्रोटीन-समृद्ध खाद्य है । विश्व में मछलियों की लगभग 30,000 प्रजातियाँ पाई जाती हैं । अनुकूलन की क्षमता के कारण ये विषुवतीय प्रदेश से लेकर ध्रुवों तक एवं नदियों और हिमानियों से निकलने वाले ठंडे पानी तक में रह सकती हैं ।

तटवर्ती प्रदेशों में यह एक महत्वपूर्ण उद्योग है, जिसमें प्राचीन उपायों से लेकर नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है । प्रतिध्वनिक गंभीरता यंत्र (सोनार) का उपयोग जल के नीचे मछलियों के स्रोतों का पता लगाने में किया जा रहा है । ड्रिफ्टर की सहायता से सागर के अपेक्षाकृत गहरे एवं ट्रॉवलर की सहायता से गंभीर सागरीय भाग से मछलियों का दोहन किया जाता है ।

संसार में पकड़ी जानेवाली मछलियों में अधिकांश भाग हेरिंग, ऐकरी, सारडीन, कॉड, पिल्चर्ड, टूना, मैकेरल, हेक और हेकॉड का है । जल की प्रकृति के आधार पर मछलियाँ दो प्रकार की होती हैं, ताजे जल की मछलियाँ (स्रोत-नदी, तालाब, झील आदि) एवं खारे जल की मछलियाँ (स्रोत-समुद्र और नमकीन झील) ।

90% मछली समुद्र से एवं 10% मछली आंतरिक क्षेत्र से पकड़ी जाती है । महाद्वीपीय निमग्न तट (Coastal Shelf) से ज्यादा से ज्यादा मछलियाँ पकड़ी जाती हैं ।

 

मत्स्य पालन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ निम्न हैं:

(1) छिछले समुद्र,

(2) प्लैंक्टन पौधों की प्रचुरता,

(3) ठंडी व गरम जलधाराओं का संगम,

(4) प्रशीतन व्यवस्था और द्रुतगामी यातायात की सुविधा । मत्स्य ग्रहण के प्रमुख क्षेत्र 40 और 60 अक्षांशों के मध्य पाए जाते हैं ।

विश्व के प्रमुख मत्स्य क्षेत्र पाँच हैं:

1. प्रशान्त महासागर का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र  (Pacific North-West Region):

यह विश्व में मछली पकड़ने का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण क्षेत्र है । यह क्षेत्र उत्तर में बेरिंग सागर से दक्षिण में फिलीपींस सागर तक फैला हुआ है । इसके महाद्वीपीय निमग्न तट पर गर्म क्यूरोशियो धारा का ठंडी ओयाशियो धारा में मिलन होता है । इस क्षेत्र में चीन, जापान, ताइवान, कोरिया और रूस के मछुआरे मछली पकड़ते हैं ।

2. प्रशान्त महासागर का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र  (North-Eatern Region of Pacific Ocean):

कैलिफोर्निया से अलास्का तक फैले इस मत्स्य क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा द्वारा मत्स्यन किया जाता है । साल्मन, पिलकार्ड, ट्यूना, सारडाइन तथा हैलीबुत नमक मचलियाँ मुख्य रूप से पकड़ी जाती है । विक्टोरिया, वेंकूवर, पोर्टलैंड, प्रिंस रूपर्ट और सिएटल इस क्षेत्र के प्रमुख मत्स्यन केन्द्र हैं ।

3. अटलांटिक महासागर का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र (North-Western Region of Atlantic Ocean):

इस क्षेत्र का विस्तार न्यू इंग्लैंड और न्यूफाउडलैंड से उत्तर में लेब्रोडोर तक है, जिसमें कई छोटे-बड़े बैंक (मत्स्यन क्षेत्र) हैं, इनमें ग्रैंड बैंक, जॉर्जेज बैंक, सेंट पियरी बैंक, वैंकवरूम बैंक, सेबिल द्वीप बैंक, बाउंड्रस बैंक आदि शामिल है, जिनका सम्मिलित क्षेत्र 64 हजार वर्ग किमी. है ।

ग्रैड बैंक इनमें सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मत्स्य-ग्रहण क्षेत्र है । इस क्षेत्र में दक्षिण की ओर से आने वाली गल्फ स्ट्रीम की गर्म धारा उत्तर की ओर से आने वाली ठंडी लेब्रोडोर की धारा से मिलती है । नोवास्कोशिया (जॉर्जेज बैंक) एवं न्यू फाउंडलैंड (ग्रैंड बैंक) के निमग्न तट में अधिकांशतः मत्स्यन किया जाता है ।

4. अटलांटिक महासागर का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र  (North-Eastern Region of the Atlantic Ocean):

विस्तृत महाद्वीपीय निमग्न तट, लम्बी दंतुरित तटरेखा एवं तटीय देशों में कृषि-योग्य भूमि की कमी आदि के कारण पश्चिमी यूरोप में मत्स्यन का विकास अधिक हुआ है । भूमध्यसागर व बिस्के की खाड़ी से लेकर उत्तरी सागर, बाल्टिक सागर और श्वेत सागर तक अटलांटिक महासागर के उत्तरी-पूर्वी मत्स्यन क्षेत्र का विस्तार है ।

उत्तर सागर का ‘डॉगर बैंक’ मत्स्यन हेतु विश्व विख्यात है । इस क्षेत्र में गल्फ स्ट्रीम की गर्म धारा के कारण समुद्र सालों भर खुला रहता है । नॉर्वे, स्वीडन, डेनमार्क, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम मछली पकड़ने वाले मुख्य देश हैं । नॉर्वे में मुख्यतः कॉड तथा हेरिंग मछलियों पकड़ी जाती है । विश्व का 65% कॉड मछली इसी क्षेत्र में पकड़ी जाती है ।

5. दक्षिणी प्रशांत का पेरू तट (Peruvian Coast of the South Pacific):

दक्षिण गोलार्द्ध में मत्स्य उद्योग का एकमात्र क्षेत्र दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी भाग में है । यह उष्ण क्षेत्र में स्थित है । पेरू और चिली इसके प्रमुख मत्स्य उत्पादक देश हैं । यहाँ पेरू या हम्बोल्ट ठंडी जलधारा का ठंडा जल नीचे से निकलता है, जिसमें मछलियों के लिए भरपूर आहार होता है ।

विश्व के अन्य मत्स्यन क्षेत्रों में दक्षिण अफ्रीकी क्षेत्र, आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड के तटीय क्षेत्र और हिन्द महासागर में प्रायद्वीपीय भारत के तटीय क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं । विश्व के प्रमुख मत्स्य उत्पादक देश चीन, जापान, रूस, पेरू, चिली और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं ।