Read this article in Hindi to learn about the four important tools used for shaping metals. The tools are:- 1. फोर्ज (Forge) 2. एन्विल (Anvil) 3. टोंग्स (Tongs) 4. हैमर (Hammer).

Tool # 1. फोर्ज (Forge):

यह एक प्रकार की भट्ठी होती है जिसमें जॉब को रखकर गर्म किया जाता है ।

मुख्यत: फोर्ज निम्नलिखित दो प्रकार की होती है:

i. स्टेशनरी फोर्ज:

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इस प्रकार की फोर्ज केवल एक ही स्थान पर फिक्स रहती है अर्थात् इसको एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जाया जाता है इसको आग की ईंटों और मिट्टी से बनाया जाता है । इसके ऊपरी भाग पर हुड बना होता है जिसके ऊपर चिमनी लगी होती है ।

हुड का कार्य धुएं को एकत्रित करके चिमनी के द्वारा बाहर निकालना होता है । इस फोर्ज में हवा को एक ब्लोअर की सहायता से नोजल के द्वारा पास किया जाता है । हवा को कंट्रोल करने के लिए इसके साथ एक वाल्व भी लगा होता है । फोर्ज के पार्ट्स और जॉब को ठंडा करने के लिए इसके साथ एक पानी का टैंक भी लगा होता है ।

इसके निम्नलिखित मुख्य पार्ट्स होते हैं:

(क) चिमनी,

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(ख) हुड,

(ग) नोजल,

(घ) बॉडी,

(ङ) लेग्स,

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(च) पानी का टैंक,

(छ) ब्लोअर,

(ज) हवा का वाल्व ।

ii. पोर्टेबल फोर्ज:

इसको हैंड फोर्ज भी कहते हैं । यह प्राय: माइल्ड स्टील की प्लेट से बनाई जाती है । इसकी बनावट में प्राय: चार टांगों वाला एक स्टैण्ड होता है जिस पर चौकोर या गोल आकार की शीट का बॉक्स लगा होता है । इसमें हवा के लिए हैंड ब्लोअर भी लगा होता है ।

Tool # 2. एन्विल (Anvil):

फोर्जिंग शॉप का यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है । यह प्राय: माइल्ड स्टील से बनाई जाती है और इसके फेस के ऊपरी भाग को लगभग 20-25 मि.मी. गहराई तक केस हार्ड किया जाता है या इसके फेस पर हाई कार्बन स्टील की प्लेट को लगाकर वेल्डिंग करके हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है । इस प्रकार यह हथोड़े की चोट को आसानी से सहन कर लेती है । एन्विल को प्राय: स्टैण्ड पर रखकर प्रयोग में लाया जाता है ।

पार्ट्स:

मुख्यत: एन्विल के निम्नलिखित पार्ट्स होते हैं:

i. बॉडी- यह एन्विल का मुख्य भाग है जिसके साथ इसके दूसरे भाग भी होते हैं ।

ii. फेस- यह एन्विल का ऊपरी भाग होता है जो कि समतल होता है । प्राय: जॉब को इस पर रखकर हथौड़े की चोट लगाई जाती है ।

iii. कटिंग स्पेस- इस पर जॉब को रखकर काटा जाता है ।

iv. बीक- इसका आकार गाय के सींघ जैसा होता है । इस पर गोल जॉब बनाये जाते हैं । जैसे- रिंग बनाना, मोड़ना, गोलाई करना आदि ।

v. टेल- यह बीक से विपरित सिरे पर होती है । इस पर जॉब को समकोण में मोड़ा जाता है ।

vi. स्क्वायर होल- इसमें हार्डाई और फुलर आदि टूल्स की शैंक डालकर फोर्जिंग की जाती है ।

vii. राउंड होल- इसका प्रयोग पंचिंग या ड्रिफ्टिंग आदि फोर्जिंग कार्यक्रियायें करने के लिए किया जाता है ।

Tool # 3. टोंग्स (Tongs):

किसी भी प्रकार की फोर्जिंग कार्यक्रिया करते समय जॉब को पकड़ने के लिए टोंग का प्रयोग किया जाता है । यह प्राय: माइल्ड स्टील से बनाई जाती है ।

पार्ट्स:

टोंग के निम्नलिखित मुख्य पार्ट्स होते हैं:

i. हैंडल,

ii. रिवट,

iii. बिट ।

प्रकार:

मुख्यत: टोंग निम्नलिखित प्रकार की होती है:

i. फ्लैट टोंग- फ्लैट टोंग दो प्रकार की होती है । एक खुले मुंह वाली और दूसरी बंद मुंह वाली होती है । बंद मुंह वाली टोंग छोटे जॉब को पकड़ने के लिए और खुले मुंह वाली बड़े जॉब को पकड़ने के लिए प्रयोग में लाई जाती है ।

ii. साइड टोंग- इसका प्रयोग फ्लैट जॉब को साइड से पकड़ने के लिए किया जाता है ।

iii. हॉलो टोंग- इस टोंग का प्रयोग गोल, षटभुज या अष्टभुज आकार के जॉब पकड़ने के लिए किया जाता है ।

iv. बोल्ड टोंग- इस टोंग का प्रयोग बोल्ट को पकड़ने के लिए किया जाता है ।

v. ऐंगल ऑयरन टोंग- इस टोंग का प्रयोग ऐंगल ऑयरन को पकड़ने के लिए किया जाता है ।

vi. पिक अप टोंग- इस टोंग का प्रयोग छोटे-छोटे जॉब पकड़ने के लिए किया जाता है जैसे रिवट और छोटे साइज की गोल छड़ें आदि ।

vii. स्क्वायर टोंग- इसका प्रयोग स्क्वायर वर्कपीस को पकड़ने के लिए किया जाता है ।

viii. राउंड टोंग- इसका प्रयोग गोल वर्कपीस को लम्बवत् पकड़ने के लिए किया जाता है ।

Tool # 4. हैमर (Hammer):

फोर्जिंग शॉप में चोट लगाने के लिए जिस टूल का प्रयोग किया जाता है उसे हैमर कहते हैं ।

प्रयोग:

फोर्जिंग कार्यक्रिया करते समय प्राय: निम्नलिखित हैमर प्रयोग में लाए जाते हैं:

i. हैंड हैमर- इस प्रकार के हैमर प्राय: साधारण कार्यों के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं । ये प्राय: हाई कार्बन स्टील से बनाये जाते हैं और इनके फेसों को हार्ड व टेम्पर कर दिया जाता है । प्राय: 1 कि.ग्रा. भार वाले हैंड हैमर साधारण फोर्जिंग करते समय प्रयोग में लाये जाते हैं ।

ii. स्लैज हैमर- बड़े साइज के हैमर को स्लैज हैमर कहते हैं । प्राय: डबल फेस वाले स्लैज हैमर अधिकतर प्रयोग में लाये जाते हैं । इसके दोनों फेस एक जैसे आकार के होते हैं । प्राय: 3 कि.ग्रा. भार वाले हैमर फोर्जिंग शॉप में प्रयोग में लाये जाते हैं ।

iii. सेट हैमर- ये हैमर वर्गाकार और फ्लैट फेस वाले होते हैं । इनका प्रयोग समकोण वाले कार्नर बनाने और फ्लैट कार्यों के लिए किया जाता है ।

iv. पॉवर हैमर- बड़े जॉब की जब फोर्जिंग करनी होती है तो पॉवर हैमर का प्रयोग करके जॉब को सही आकार में बनाया जाता है । आजकल अधिकतर न्यूमेटिक हैमर का प्रयोग किया जाता है ।

इसकी बनावट में एक ऐन्विल ब्लॉक होता है जिस पर जॉब को आश्रय मिलता है तथा टूप (हैमर) होता है जिससे चोट लगाई जाती है । इसका साइज टूप के भार, पिस्टन रॉड और पिस्टन के अनुसार किया जाता है जैसे न्यूमेटिक हैमर 5 टन ।

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