Read this article in Hindi to learn about the two main aspects of cultural diversity in the world which are religion and language.

प्रत्येक समाज और समुदाय की जीवन शैली में अन्तर पाया जाता है । इसलिये विश्व के विभिन्न देशों तथा प्रदेशों में विविधता पाई जाती है । संस्कृति के प्रमुख तथ्यों में नृजातीयता, भाषा, धर्म, रीति-रिवाज, लोक गीत तथा लोक नृत्य सम्मिलित हैं । बहुत-से देशों में बहुसंस्कृति बहुभाषी तथा बहुधर्मी समाज पाये जाते हैं । विश्व में सैकड़ों धर्मों के लोग रहते हैं जो हजारों भाषायें बोलते हैं ।

धर्म (Religion):

धर्म की विद्वानों ने अलग-अलग परिभाषायें दी हैं । 18वीं सदी के फ्रैड्रीक शलीरमाशर के अनुसार धर्म का है ।

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”पूर्ण समर्पण का भाव” धार्मिक जीवन की प्रमुख विशेषतायें हैं:

1. परम्परा (मुस्लिम हदीस),

2. मिथिक, पौराणिक कथा,

3. मुक्ति (मोक्ष),

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4. धार्मिक स्थल तथा धार्मिक पदार्थ,

5. पवित्र कर्म,

6. धार्मिक ग्रंथ,

7. पवित्र पुरुष समुदाय, तथा;

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8. पवित्र अनुभाव ।

भाषा की भांति धर्म भी संस्कृति का एक ही मुख्य अंग है । सभी समाज किसी न किसी धर्म को मानने वाले हैं यहाँ तक कि नास्तिकता को भी कुछ विद्वानों ने एक प्रकार का धर्म ही माना है ।

विश्व के प्रमुख धर्म और विभिन्न देशों में उनका वितरण Fig. 9.9 में दिखाया गया है, जबकि विभिन्न देशों में उनकी संख्या तालिका 9.3 में दी गई है ।

भाषाएँ (Languages):

भाषा समाजीकरण का एक प्रमुख माध्यम है । सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक धरोहर के संचय के लिये भाषा अनिवार्य है ।

भाषाओं का विकास धीरे-धीरे होता है । विश्व की प्रमुख भाषायें तालिका 9.4 में दी गई है । विश्व की प्रमुख भाषाओं को निम्न 16 वर्गों में विभाजित किया गया है ।

इण्डो-यूरोपिय भाषाएं (Indo-European Languages):

विश्व में सबसे अधिक बाले जाने वाली भाषा इण्डो-यूरोपियन है । विश्व की प्रमुख इण्डो-यूरोपियन भाषाओं तथा उनके प्रमुख देशों को तालिका 9.5 में दिया गया है ।