नि: शुल्क व्यापार के पक्ष में और खिलाफ तर्क | Read this article in Hindi to learn about the arguments in favour and against free trade.

मुक्त व्यापार के पक्ष में (Arguments in Favour of Free Trade):

मुक्त व्यापार नीति के पक्ष में निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये गये हैं:

1. वास्तविक सार्वभौमिक भाईचारे की भावना (Feeling of True Universal Brotherhood):

मुक्त व्यापार नीति विश्व शांति का स्थायी समाधान है । जब तक विश्व आर्थिक रूप में विभिन्न गुटों में बंटा रहेगा तब तक कोई शांति सम्भव नहीं हो सकती । ऐसी स्थिति में वह एक स्वार्थी नीति का अनुसरण करते हैं जो कि विश्व के सांझे हितों के प्रतिकूल है ।

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स्पष्ट है कि सभी प्रतिबन्धों को त्याग कर प्रत्येक देश से समान व्यवहार किया जाये । अत: मुक्त व्यापार वास्तविक सार्वभौमिक भाईचारे की भावना जागृत करने में सहायक है ।

2. विशेषीकरण की सम्भवता (Possibility of Specialisation):

मुक्त व्यापार तुलनात्मक लागत लाभ का प्राकृतिक परिणाम है जो यथार्थ में श्रम विभाजन का एक विस्तार है ।

3. अधिकतम उत्पादन (Maximum Output):

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मुक्त व्यापार के पक्ष में एक अन्य तर्क यह है कि यह उत्पादन को उच्चतम बनाता है । यह उत्पादन के कारकों की आय को बढ़ाने में सहायक है । मुक्त व्यापार देशों के बीच विशेषीकरण द्वारा उनको अधिकतम लाभ प्राप्त करने के योग्य बनाता है ।

यह उत्पादन के कारकों के लिये असमान वितरण की कुछ सीमा तक क्षतिपूर्ति करता है । इसलिये मुक्त व्यापार सभी सम्बन्धित देशों के उत्पादन को बढ़ाता है जो अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में भाग लेते हैं ।

4. बाजार की विस्तृत सीमा (Wider Extent of Market):

मुक्त व्यापार नीति बाजार के आकार को विस्तृत करने में सहायक होती है जो बदले में विशेषीकरण और श्रम के जटिल विभाजन को सम्भव बनाती है । यह कम लागत से अनुकूलतम उत्पादन लाता है । प्रतिबन्धों की स्थिति में, विशेषीकरण के अवसर कम होते हैं जिससे उत्पादन गिर जाता है ।

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5. प्राकृतिक साधनों का उचित उपयोग (Proper Utilization of Natural Resources):

क्योंकि मुक्त व्यापार नीति किसी देश के विरुद्ध और पक्ष में पक्षपात को प्रतिबन्धित करती है । इससे प्राकृतिक साधनों का उचित उपभोग सुनिश्चित होता है । मुक्त व्यापार प्रणाली में प्रत्येक देश उन वस्तुओं के उत्पादन में विशेषज्ञता प्राप्त करने का प्रयत्न करता है जिनमें उसे तुलनात्मक लाभ प्राप्त होता है । यह तथ्य प्राकृतिक साधनों के उच्चतम और अधिकतम उपभोग की ओर ले जाता है ।

6. भुगतानों का स्थानान्तरण (Transfer of Payments):

मुक्त व्यापार नीति के अन्तर्गत वस्तुओं के चलन की प्रणाली द्वारा ऋणी देशों की ओर से ऋणदाता देशों की ओर, भुगतानों का स्थानान्तरण करना सरल हो जाता है । वास्तव में, मुक्त व्यापार ऋणी देशों की ओर से निर्यात और ऋणदाता देशों के आयात को बढ़ाता है ।

7. सस्ती वस्तुएं (Cheap Commodities):

मुक्त व्यापार नीति के अन्तर्गत सम्पूर्ण संसार में वस्तुएं सस्ते दरों पर बेची जाती हैं । ऐसा विशेषज्ञता तथा श्रम विभाजन के कारण है । इसके अतिरिक्त मुक्त व्यापार में सभी प्रतिबन्ध समाप्त कर दिये जाते हैं फलत: उपभोक्ता अन्तर्राष्ट्रीय बाजार से अनेक वस्तुएं सस्ती कीमतों पर खरीद सकता है ।

इससे सामान्य लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने में सहायता मिलती है । उसी समय, उत्पादकों को लाभ प्राप्त होता है, क्योंकि वह अपने साधनों को सरलतापूर्वक अधिक लाभप्रद उत्पादन की ओर निर्देशित कर सकते हैं अथवा मोड़ सकते हैं ।

8. आर्थिक विकास की सड़क (Road to Economic Development):

कुछ अर्थशास्त्रियों का मत है कि मुक्त व्यापार आर्थिक विकास का मार्ग है । इस सम्बन्ध में हैबरलर ने कहा है कि- ”सीमान्त अपर्याप्त शुद्धियों और विचलनों के साथ पर्याप्त मुक्त व्यापार, आर्थिक विकास के दृष्टिकोण से सर्वोत्तम नीति है ।”

9. योग्य उद्यमी (Efficient Entrepreneurs):

स्वतन्त्र व्यापार विभिन्न देशों को कम-से-कम लागत पर वस्तु उत्पादित करने में परस्पर प्रतिस्पर्द्धा के लिये प्रेरित करता है । मुक्त व्यापार के अन्तर्गत केवल योग्य फर्में तथा उद्यमी ही बाजार में प्रभुत्व रखते हैं । कम कुशल उद्यमी बाजार की प्रतिस्पर्द्धा के कारण बाहर हो जाते हैं । परिणामत: कम लागत पर अच्छा उत्पादन होता है फलत: कीमतें कम हो जाती हैं ।

10. आविष्कारों की सम्भावना (Scope of Inventions):

मुक्त व्यापार का एक अन्य लाभ यह है कि प्रत्येक देश सर्वोत्तम गुणवत्ता की वस्तुओं के उत्पादन का प्रयत्न करता है । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता उन्हें न्यूनतम लागत पर गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं उत्पादित करने के लिये विवश करती है । इस प्रकार राष्ट्रों के बीच उत्पादन के नये आविष्कारों और तकनीकों की सम्भावना बढ़ जाती है ताकि अधिक और गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं का उत्पादन किया जा सके ।

11. अल्प विकसित देशों के लिये लाभदायक (Useful for Underdeveloped Countries):

हैबरलर के शब्दों में- ”मुक्त व्यापार अल्प विकसित राष्ट्रों के आर्थिक विकास के दर को त्वरित करने में सहायता करता है ।” यह देश मुक्त व्यापार द्वारा अपने आर्थिक विकास के लिये सुगमतापूर्वक पूंजी वस्तुएं, मशीनरी, आवश्यक कच्चा माल तथा तकनीकी ज्ञान आयात कर सकते हैं । इस प्रकार, यह इन देशों के आर्थिक विकास के लिये लाभप्रद है ।

मुक्त व्यापार के विपक्ष में (Arguments against Free Trade):

मुक्त व्यापार के विरुद्ध निम्नलिखित तर्क प्रस्तुत किये गये हैं:

1. एक-तरफा विकास (Lopsided Development):

मुक्त व्यापार के अन्तर्गत कोई भी देश उन वस्तुओं के उत्पादन पर बल देता है जिससे इसे अधिक तुलनात्मक लाभ होता है । परन्तु अन्य उद्योग अधिक विकसित नहीं हो पाते । उदाहरणतया, एक कृषि प्रदान अर्थव्यवस्था केवल कृषि का ही विकास कर सकती है और औद्योगिक विकास की उपेक्षा कर सकती है । इसी प्रकार एक विशेष उद्योग विकसित हो सकता है तथा अन्यों की अवहेलना हो सकती है, फलत: एक तरफा विकास होगा । इस लिये मुक्त व्यापार का पूर्णतया त्याग कर देना चाहिये ।

2. राजनीतिक प्रतिबन्ध (Political Handicaps):

मुक्त व्यापार नीति के प्रयोग में आर्थिक अन्तर्निर्भरता के कारण, बहुत से देशों ने विशेषतया युद्ध के दौरान राजनैतिक समस्याओं का अनुभव किया । राजनैतिक स्वतन्त्रता कायम रखने के लिये आर्थिक स्वतन्त्रता के समर्थन को उचित समझा गया । परन्तु यह मुक्त व्यापार को त्यागने के पश्चात ही सम्भव है ।

3. सामाजिक कल्याण में कटौती (Curtailing Social Welfare):

मुक्त व्यापार के अन्तर्गत वस्तुओं के चलन पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होता । इस कारण घटिया और हानिकारक वस्तुओं का उत्पादन होता है जिससे सामाजिक कल्याण प्रतिबन्धित होता है । ऐसी स्थिति में व्यापारिक प्रतिबन्ध वांछनीय हैं, इसलिये ऐसी वस्तुओं के आयात को पूर्णतया समाप्त करना होगा, जिससे स्वतन्त्र व्यापार की नीति का त्याग हो जाता है ।

4. क्षेपण (Dumping):

मुक्त व्यापार का अर्थ है विश्व के विभिन्न देशों के बीच कड़ी प्रतियोगिता । निर्यातक कम कीमतों पर अपने अधिक-से-अधिक उत्पादों को बेचने के लिये क्षेपण का आश्रय लेते हैं । इस नीति का मुख्य उद्देश्य किसी देश के औद्योगिक ढांचे का शोषण करना होता है ।

यह किसी देश के पुराने भण्डारों के आपूरण के कारण किया जाता है । किसी देश द्वारा क्षेपण केवल एक सीमा तक ही होगा तथा उसके पश्चात् व्यापारिक प्रतिबन्ध अपने आप आ जायेंगे । कोई भी सरकार अनन्त क्षेपण की आज्ञा नहीं देती ।

5. अन्तर्राष्ट्रीय एकाधिकारों की उत्पत्तियां (Emergence of International Monopolies):

हैबरलर के शब्दों में, मुक्ता व्यापार के फलस्वरूप स्थानीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय एकाधिकारों का जन्म हो सकता है । ऐसे एकाधिकारों की वृद्धि घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय हितों के लिये घातक सिद्ध हुई है । अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एकाधिकार अधिक दु:खदायी तथा शोषणकर्त्ता होते हैं । उदाहरणतया, पश्चिम एशिया के देश पैट्रोल में अपनी एकाधिकारिक स्थिति के कारण अन्य देशों का शोषण कर रहे हैं ।

6. प्रारम्भिक उद्योग (Infant Industries):

पिछड़े हुये देशों को अपने प्रारम्भिक उद्योगों की रक्षा करनी होती है । मुक्त व्यापार इन प्रारम्भिक उद्योगों की कभी रक्षा नहीं करेगा, इसलिये विकासशील देशों का कभी भी औद्योगीकरण नहीं होगा । उनके औद्योगीकरण के लिये संरक्षण की नीति अत्यावश्यक है । अल्प विकसित देश केवल संरक्षण की नीति के अन्तर्गत विकसित हो सकते हैं न कि मुक्त व्यापार के अन्तर्गत ।

7. हानिकारक उत्पाद (Harmful Products):

यह महसूस किया जाता है कि मुक्त व्यापार के अन्तर्गत हानिकारक औषधियों और स्वापकों (Narcotics) के आयातों की सम्भावना बनी रहती है । इससे लोगों के स्वास्थ्य और दक्षता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । यही कारण है कि प्रत्येक सरकार हानिकारक उत्पादों के आयात पर प्रतिबन्ध लगाती है ।

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