नारियल तेल शैम्पू का निर्माण कैसे करें? | Are you planning to manufacture coconut oil shampoo? Read this article in Hindi to learn about how to manufacture coconut oil shampoo.

बहुत जमाने से यह शैम्पू बनाया जा रहा है और झाग देने व सिर साफ करने की दृष्टि से आदर्श माना जाता हे । इसे बनाने के लिए अच्छी क्वालिटी का नारियल का तेल व कॉस्टिक पोटाश की जरूरत है । यह एक प्रकार का लिक्विड पोटाश साबुन है ।

नारियल तेल का शैम्पू के लिए उत्पादन विधि (Manufacturing Process for Coconut Oil Shampoo):

1000 ग्राम नारियल तेल को साबुनीकृत करने के लिए (साबुन बनाने के लिए) लगभग 260 ग्राम कॉस्टिक पोटाश की जरूरत होती है । बशर्ते कि पोटाश शुद्ध हो परन्तु बाजार में जो पोटाश मिलती है उसकी शुद्धता 80 प्रतिशत तक होती है, अतः 1000 ग्राम नारियल के तेल को साबुनीकृत करने के लिए कॉस्टिक पोटाश की मात्रा इस प्रकार होती है- (260/80) x 100 = 325 ग्राम

कॉस्टिक पोटाश की जो मात्रा निकले उसको लेकर एक लीटर पानी में घोल कर पानी को लगभग 75 डिग्री सेंटीग्रेट तक गर्म किया जाता है । एक दूसरे बर्तन में 1000 ग्राम नारियल का तेल लेकर इसी तापक्रम पर गरम करके इसमें उपयुक्त कॉस्टिक घोल डालकर अच्छी तरह मिलाया जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

बर्तन के नीचे से इतनी हल्की लौ से गर्म किया जाता है कि उपयुक्त तापक्रम कम न होने पावे । इसे उस समय तक गर्म रखते हैं, जब तक कि पूर्णत साबुन न बन जाये । साबुन बन जाने पर इसमें डिस्टिल्ड वाटर जिसमें थोड़ी कार्बोनेट ऑफ पोटाश भी मिली हो इतना मिलाया जाता है कि पूरा घोल 5 लीटर हो जाये ।

नारियल तेल के शैम्पू का फार्मूला (Shampoo Formula of Coconut Oil):

इसमें ऐसी सुगन्धि भी मिलाई जाती है जो टिकाऊ हो जैसे लवैंडर ऑयल या रोजमरी ऑयल आदि । इस लिक्विड साबुन को एक बड़े से जार में भरकर रख दिया जाता है, ताकि भारी भाग नीचे बैठ जाय और ऊपर-ऊपर से साफ द्रव निथार लिया जाय । इसको कुछ दिनों टिकाकर इसलिए रखा जाता है कि इसमें धुंधलापन न रहे ।

पोटाश कार्बोनेट धुंधलेपन को दूर करता है । किसी भी शैम्पू में धुंधलापन पसंद नहीं किया जाता बल्कि यह पानी की तरह साफ होना चाहिए । अगर आवश्यकता समझी जाये तो उक्त फार्मूले में थोडा सा रंग भी मिलाया जा सकता है । इसमें ज्यादातर पीला रंग ही चलता है ।

ADVERTISEMENTS:

इस शैम्पू के बनाने में कॉस्टिक प्रयोग नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे बने शैम्पू धुंधलापन खत्म नहीं हो सकता । यह शैम्पू आजकल बडे लोकप्रिय होते जा रहे हैं, क्योंकि यह हमेशा चमकदार और पारदर्शक घोल के रूप में रहते हैं । इनमें ट्राई-ईथानोलएमाइन होता है उचित सुगन्धि भी डाली जाती है ।

सबको मिला लें और कुछ दिनों रखा रहने देने के बाद मशीन से फिल्टर कर लिया जाता है ।

तेलों को अल्कोहल में घोलकर शेष रचकों को मिला लें । कुछ दिनों बाद मशीन द्वारा फिल्टर कर लें ।