ओवरी कल्चर : अर्थ और महत्व | Read this article in Hindi to learn about:- 1. ओवरी कल्चर का अर्थ (Meaning of Ovary Culture) 2. ओवरी कल्चर के चरण (Protocol for Ovary Culture) 3. महत्व (Importance).

ओवरी कल्चर का अर्थ (Meaning of Ovary Culture):

अंडाणु कोशिका से हेप्लांइड पौधा प्राप्त करने के लिये अनउर्वर ओवरी का संवर्धन ओवरी कल्चर कहलाता है और इस प्रक्रिया को गाइनोजेनेसिस कहते हैं । सर्वप्रथम सेन नोएम ने 1976 में जौ में गाइनोजेनेसिस किया । संवर्धित की गई ओवरी में से 0.2 से 6% ओवरी में गाइनोजेनेसिस सही ढंग से हुआ ।

इनमें से प्रत्येक ओवरी से एक या दो और किसी-किसी में आठ छोटे पौधे उत्पन्न हुए । अलग-अलग प्रजाति के पौधों में सफलता की दर अलग-अलग रही । चावल में ओवरी कल्चर की अनुकूल अवस्था तब होती है, जब इसमें परिपक्वता आने लगती है, लेकिन मुक्त नाभिकीय भ्रूण झिल्ली अवस्था में सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया मिलती है ।

सामान्यतः प्लेसेन्टा से जुड़े हुए ओब्यूल्स, ओवरी और फूल का संवर्धन अच्छे से होता है, लेकिन जटबेरा और सूर्यमुखी में विलग ओब्यूल्स ज्यादा अच्छे से संवर्धित होता है । ओवरी कल्चर से पहले कोल्ड ट्रीटमेंट करने से गाइनोजेनेसिस अच्छा होता है ।

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गाइनोजेनेसिस में जी.आर. की आवश्यकता अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग होती हैं । ऊपरी स्तर पर थे सोमेटिक ऊतकों की गाँव बनने और गाइनोजेनेसिस को कम भी करते हैं । जी.आर. की आवश्यकता अलग-अलग प्रजातियों में अलग-अलग होती है ।

सुक्रोज का स्तर भी निर्णायक भूमिका निभाता है जैसे सूर्यमुखी में 12% सुक्रोज गाइनोजेनिक भ्रूण उत्पादन को बढ़ाता है, जबकि निम्न स्तर पर सोमेटिक कोशिका और सोमेटिक भ्रूण भी उत्पन्न होते हैं । सामान्यतः ओवरी या ओवल्स का संवर्धन प्रकाश में किया जाता है, लेकिन सूर्यमुखी और चावल में संवर्धन अंधेरे में करने पर गाइनोजेनेसिस अच्छा होता है और सोमेटिक गाँठ कम से कम बनती है ।

गाइनोजेनेसिस में दो या ज्यादा चरण होते हैं और प्रत्येक चरण की आवश्यकताएँ अलग होती हैं । दोनों चरण में प्रेरण और पुनरुत्थान होता है । प्रेरण के दौरान ओवरी कम ऑक्सिन वाले तरल माध्यम में तैरती है और इसे अंधेरे में रखते हैं । पुनरुत्पादन के दौरान इन्हें ऑक्सिन की ज्यादा मात्रा वाले तरल माध्यम में प्रकाश में रखते हैं ।

ओवरी कल्चर के चरण (Protocol for Ovary Culture):

Collect Pollinated or Unpollinated Flower (परागण या बिना परागण वाले फूल इकट्ठे करना) → Wash with Water (पानी में धोना) → Dip in 5% Tepol Solution (10min) (5% टेपॉल विलयन में डुबोना (10 मिनिट)) → Wash Again (दोबारा धोना) → Transfer Flower in Laminar Air Flow Surface Sterilized by 5% NaOCI (5-7 min.) (फूलों को 5% सोडियम हाइपोक्लोराइड से स्टर्लाइज किये हुए लेमिनर वायु बहाव की सतह पर रखना (5-7 मिनट)) → Transfer to Petri Dish (पेट्री डिश से निकालना) → Isolate Pistil (पिस्टिल अलग करना) → Place Ovary on agar Solidified Media (ओवरी को अगार के ठोसीकृत माध्यम पर रखना) → Incubate at 25°C for 16 hrs. (Day Night) (25° सेंटीग्रेड पर 16 घंटे तक इंक्यूबेटर में रखना) ।

ओवरी कल्चर का महत्व (Importance of Ovary Culture):

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इसके कई महत्वपूर्ण उपयोग हैं:

(a) भ्रूण के जल्दी विकसित होने, फलों के विकास, फलों के आकार के विभिन्न पहलुओं जैसे श्वसन, परिपक्वता और बीमारी का अध्ययन ।

(b) अपरागित गरम केसर के संवर्धन द्वारा फाएटो हॉर्मोन या पारथेनोकार्पिक फल के प्रभाव का अध्ययन कर सकते हैं ।

(c) पुष्प अवयवों की भूमिका का अध्ययन जैसे जिन पौधों में सैंपल मौजूद रहता है, उनमें सुक्रोज की जरूरत नहीं होती, जबकि अगर सैंपल हटा दिया जाए, तो संवर्धन माध्यम में अलग से सुक्रोज मिलाना पड़ता है ।

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(d) विट्रो में दो प्रकारों या प्रजातियों का संकर बनाने में जो कि सामान्य विवो स्थिति में नहीं बनाए जा सकते । उदाहरण के लिये ब्रासिका चाइनेसिस और ब्रासिका पेकिनेसिस संकर प्राप्त करने में ओवरी कल्चर का उपयोग होता है ।

ओवरी कल्चर की सीमाएँ:

(i) यह दो दर्जन से कम प्रजातियों में ही उपयोगी है ।

(ii) ओवरी की प्रतिक्रिया देने की दर (1-5%) और पौधे बनने की दर (1-2) बहुत कम है ।