बहुमुखी कलाकार-लियोनार्डो द विंसी की जीवनी । Biography of Leonardo Da Vinci in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. जीवन  वृत्त ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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लियोनार्डो द विंसी एक ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी, अद्‌भुत प्रतिभासम्पन्न कलाकार थे, जिन्होंने चित्रकारी की केला को नयी ऊंचाइयां दीं । उन्होंने मूर्तिकला में भी श्रेष्ठता हासिल की थी । उनको प्रकृति तथा अनोखी वस्तुओं के डिजाइन तैयार करने की प्रवीणता प्राप्त थी ।

विंसी ने सिविल अभियान्त्रिकी सम्बन्धित अनेक आविष्कार किये जिसमें अलार्म घड़ी, वातानुकूल सन्यन्त्र, टैंक, पनडुब्बी, गोताखोरी के उपकरण, हेलीकॉप्टर, भूमिगत नहरें, गैस गास्वा आदि के डिजाइन तैयार किये थे । विश्वप्रसिद्ध पेटिंग ‘मोनालिसा’ उनके द्वारा निर्मित है ।

2. जीवन वृत्त:

लियोनार्डो द विंसी का जन्म 15 अप्रैल, 1452 को इटली के एक गांव विंसी में हुआ था । उनके जन्म के समय दहेज की बुराई जोरों पर थी । विंसी की मा ने दहेज की पीडा के कारण कठिनाइयों से गुजरते हुए एक उच्चवर्गीय व्यक्ति पीयरो द विंसी के साथ विवाह किया था ।

विंसी की मां केटरीना ने विंसी को जन्म तो दे दिया, किन्तु उनके पिता को त्यागकर उन्होंने दूसरे व्यक्ति से शादी कर ली । विंसी के पिता ने चार शादियां की थीं । पहली सन्तान होने के कारण लियोनार्डो को घर में बहुत प्यार मिला ।

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बचपन में ही वे प्रकृति के मनोरम दृश्यों में खोये रहते थे । जीवों से इतना प्रेम था कि वे शाकाहारी थे । बाल्यकाल में ही उनकी पहचान वीरोचियो से हुई, जिनसे उन्होंने चित्रकला, मूर्तिकला, वास्तुकला, अभियान्त्रिकी कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया । वीरोचियो उनकी इस लगन और परिश्रग को देखकर बहुत खुश हुए ।

समय के साथ-साथ लियोनार्डो ने अपने चित्रों में नवीन तकनीकी का इस्तेमाल किया । उन्होंने किसी वस्तु का चित्र वनाते समय उस पर पड़ने वाले प्रकाश और छाया का चित्र शी अलग-अलग कोणों तथा अलग-अलग मात्रा में इस प्रकार प्रस्तुत किया कि लोग दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर छो जाते थे ।

उन्होंने प्रकृति में मौजूद हर जड़-चेतन वस्तु को बारीकी से देखकर उसके गुणों के बारे में जानकारी हासिल कर उसकी चित्रकारी  और मूर्ति निर्माण भी की । कांसा, टेरीकोटा व संगमरमर की श्रेष्ठ मूर्तियां भी बनायीं ।

30 वर्ष की अवस्था में उन्होंने इटली के मिलान शहर जाकर वहा के शासक लुडविको सोर्जा के लिए न केवल दरबारी चित्रकारी की, बल्कि सेना के उपयोग के लिए पुल, नहर, नहरों का जाल, भाप द्वारा चलाई गयी तोपों का डिजाइन बनाने का कार्य भी किया ।

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उन्होंने प्रसिद्ध पेंटिग लास्ट सपर तथा मोनालिसा गीले प्लास्टर से वाटरकलर द्वारा बनायी । पेरिस के म्यूजियम में सुशोभित मोनालिसा की डेढ़ इंची मुसकान वाली खूबसूरत पेंटिग को देखकर सभी उनकी प्रतिभा की प्रशंसा किये बिना नहीं रहते ।

लियोनार्डो ने इटली, रोम तथा फ्रांस में रहते हुए अनेक वारलु व चित्रकला के माडल तैयार किये । उन्होंने एक अलार्म घड़ी का आविकार किया । लैम्प स्ते लिए चिमनी तथा नीचे उतरने हेतु पैराशूट का निर्माण भी किया । वातानुकूलित संयन्त्र की तकनीक भी तैयार की । पानी में चल सकने वाले जूते, पैडल से चलने वाली नाव का डिजाइन भी तैयार किया ।

उन्होंने अपनी नोटबुकों में प्रकृति की समस्त चीजों का ज्ञान सुरक्षित रखा हुआ है । लियोनार्डो ने 30 मानव शरीरों का विच्छेदन करके एक-एक अंग का बारीकी से चित्रण किया । पानी का बहना, बुलबुले, बालों का घुंघरालापन का बलिकी से चित्रण करने के साथ-साथ हवाई जहाज, पनदुब्बी के चित्र भी बनाये ।

लियोनार्डो को युद्ध से सश्ता नफरत थी । उन्होंने सैनिकों के लिए मास्क भी तैयार किये थे । अपने जीवनकाल में उन्हें पिता द्वारा कोई सम्पत्ति नहीं गिली । सौतेले भाइयों ने उनसे सब कुछ छीन लिया । उनके आविष्कारों और असाधारण काल्पनिक चित्रों के विरोध में चर्चो का रूढ़िवादी धार्मिक संगठन हमेशा खड़ा होता रहा । इन विरोधों के बीच भी वे आजीवन कार्य करते रहे । 2 मई, 1519 को वह प्रभु को प्यारे हो गये ।

3. उपसंहार:

लियोनार्डो द विंसी विश्व के असाधारण कलाकार थे । चित्रकला और वास्तुकला के द्वारा उन्होंने विभिन्न आविष्कारों के लिए पुख्ता जमीन तैयार की थी । उनकी चित्रकारी व अभियान्त्रिकी सम्बन्धी योग्यता इतनी बेजोड थी कि आने वाले वैज्ञानिकों के लिए वे एक प्रेरणस्त्रोत और आधारस्तम्भ बने रहेंगे ।