ब्रूस ली की जीवनी । Biography of Bruce Lee in Hindi Language!

1. प्रस्तावना ।

2. प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियां ।

3. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

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ब्रुस ली को मार्शल आर्ट का प्रणेता कहा जाता है । ब्रुस ली ने मार्शल आर्ट तथा  कुंग फू को मिलाकर एक विशेष प्रकार की मल्लयुद्ध कला की शैली को जन्म दिया । इस प्रतिरक्षा शैली को ‘जीन कूने दो’ कहा जाता है । वे इस शैली के साथ-साथ फिल्मों में अपनी रत्तंटबाजी के लिए मशहूर रहे हैं । वे युवा पीढ़ी के लिए बहुत समय तक एक आदर्श प्रेरक बने रहे थे ।

2. प्रारम्भिक जीवन एवं उपलब्धियां:

ब्रूस ली का जन्म 27 नवम्बर, 1940 को अमेरिका के एक चीनी परिवार में हुआ था, जो सेनफ्रांसिस्को के निवासी थे । उनके पिता ली हौई ऑपेरा के कलाकार थे और  गां ग्रेसली एक यूरोपियन महिला थीं । अपनी प्रारम्भिक शिक्षा हांगकांग में पूरी करने के बाद वे कई विषयों के अध्ययन के साथ-साथ मार्शल आर्ट की प्रतिरक्षा प्रणाली का प्रशिक्षण लेते रहे । उन्होंने एक अमेरिकी युवती लिंग से विवाह किया था ।

दुनिया का यह चुस्त-दुरुस्त साहसी नौजवान अपने इस कौशल के कारण जल्दी ही विज्ञापनों और पोस्टरों की दुनिया में छा गया था । उन्होंने हॉलीबुड की कई फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें एंटर द ढंग, रिटर्न द ड्रैगन, गेम ऑफ डेथ, द बिग बीस आदि अत्यन्त सफल रहीं । वे हॉलीबुड के उस समय के सबसे महंगे सितारे माने जाते थे ।

दुर्भाग्यवश ऐसा असाधारण कलाकार एवं मार्शल आर्ट का प्रणेता अल्पायु में ही रहस्यमय परिस्थितियों में 20 जुलाई, 1973 को मृत्यु को प्राप्त हुआ । जिस समय उनकी मौत हुई थी, उस समय वे अपनी एक महिला मित्र के घर पर अपनी आगामी फिल्म की योजना बनाने में जुटे हुए थे ।

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उनकी असागयिक मौत ने कई सवालों को जना दिया है । 3 सितम्बर, 1973 को हांगकांग की सरकार ने मृत्यु के कारणों की वास्तविकता जानने हेतु एक आयोग बिठाया था, किन्तु उनकी मृत्यु का राज अभी तक अनसुलझा ही रह गया । यह आशंका भी व्यक्त की जाती रही है कि सम्भवत: ईर्ष्यावश किसी ने उनकी हत्या कर दी हो ।

3. उपसंहार:

ब्रूस ली जैसे असाधारण प्रतिभा वाले लोग विरले ही होते हैं, जो अपनी प्रतिभा की ऐसी अमिट छाप संसार के मरितष्क पर अंकित कर जाते हैं, जिसे मिटा पाना शायद ही समाव हो । ब्रुस ली ने प्रतिरक्षा की जो मार्शल आर्ट शैली विकसित की, उसमें गति और फुर्ती का अद्‌भुत सामंजस्य तथा शरीर के लचीलेपन का एक ऐसा समन्वित रूप था, जो किसी भी प्रकार शस्त्र से लैस व्यक्ति का भी मुकाबला करने में सक्षम था । आज भी उनकी यह कला चीन, कोरिया ही नहीं, अपितु विश्व के सभी देशों में प्रचलित है । ब्रुस ली मार्शल आर्ट के एक पर्याय माने जाते थे ।

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